मार्च लूट और डॉक्टर ,स्वास्थ्यकर्मी कंगाल: अफसर की मनमानी ने स्वास्थ्यकर्मियों को उधार से जिन्दगी चलाने को किया मजबूर,होली-ईद गरीबी में गुजरी
March loot and doctors, health workers are bankrupt: The arbitrariness of the officer forced the health workers to live on debt, gave it to the favourites...

Dhanbad: सरकारी विभाग के अधिकारियों की मनमानी एक से बढ़कर एक है। किसी भी सरकार और विभाग के लिए वित्तीय वर्ष का अंतिम माह मार्च कई मायने में अहम होता है।परंतु विभाग के अधिकारी के तरफ से वित्तीय मनमानी होने लगे तो सरकार के नियम की अवहेलना मानी जा सकती है।
क्या है मामला
ताजा मामला जिले के गोविंदपुर CHC का है। जहां के प्रभारी डॉ विशेश्वर कुमार ने अपनी मनमानी की हद कर दी। संस्थान में कार्य कर रहे सैंकड़ों डॉक्टर, कर्मचारियों को मार्च का वेतन नहीं दिया और जबकि अपने चहेते 3 कर्मी को वेतन दे दिया। मामला पकड़ में तब आया जब ईद जैसे मौके रहने के वावजूद ईद मनाने वाले कर्मियों को भी वेतन नहीं दिया।
सुर्खियों में रहता है CHC
मालूम हो कि गोविंदपुर CHC अपनी नाकामी और स्वास्थ्य सेवा में फिसड्डी के मामले में अक्सर सुर्खियों में रहता है। संस्थान के अंदर NHM अंतर्गत दर्जनों डॉक्टर,स्वास्थ्य कर्मी और लगभग 300 से अधिक सहिया एवं अन्य कर्मी कार्यरत है।जिनके वेतन की निकासी संस्थान के प्रभारी के द्वारा की जाती है। इन सभी कर्मियों को वेतन नहीं दिया गया।
प्राप्त जानकारी के अनुसार संस्थान के 3 कर्मीयों को मार्च महीने का भुगतान मार्च में कर दिया गया। इन 3 कर्मियों में ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर (BPM), ब्लॉक अकाउंट मैनेजर (BAM), ब्लॉक डाटा मैनेजर (BAM) शामिल हैं। प्रबंधन द्वारा अपने इस वित्तीय मनमानी को तरह तरह के तर्क देकर सही ठहराने की कोशिश की जा रही है। हद तो तब हो गई जब इन कर्मियों पर ही अन्य सभी कर्मियों के वेतन बनाने की भी जिम्मेदारी है। परंतु सिर्फ अपना वेतन की निकासी कर अन्य कर्मियों को छोड़ देना कहीं से तार्किक प्रतीत नहीं होता।
क्यों होता है वित्तीय वर्ष का अंतिम माह अहम
मालूम हो कि सरकारी नियमानुसार वित्तीय वर्ष में पैसे का खर्च नहीं करने से वो पैसे लैंप्स हो जाती है और बची हुई राशि वापस हो जाती है।फिर अगले वित्तीय वर्ष में उस आवंटन की मांग की जाती है।इस प्रक्रिया में देरी हो जाती है। न्यूनतम मानदेय पर काम करने वाले कर्मियों के लिए आर्थिक संकट से गुजरना पड़ता है।
NHM अंतर्गत कार्य करने वाले सभी कर्मी अनुबंध पर है जिसे सिर्फ न्यूनतम मानदेय के अलावा कुछ भी दे नहीं है , जिन 3 कर्मियों को वेतन/मानदेय दिया गया है वो भी अनुबंध कर्मी हैं परंतु आखिरकार किन वजह से पैसे रहते सिर्फ इन 3 कर्मियों को ही वेतन दिया गया ये सवालो के घेरे में हैं।