“कब होगी लिपिक के पद पर बहाली” ? रिक्तियां के वावजूद सिर्फ अनुकंपा के आधार पर लिपिक पद पर हो रही बहाली, सरकारी कामकाज पर हो रहा असर, स्थिति चिंताजनक

Job Vaccancy news: एक तरफ राज्य भर में पढ़े- लिखे बेरोजगारों की फौज खड़ी है तो वहीं सरकारी विभागों में काफी रिक्तियां भी है, उसके बावजूद सरकार न तो समय पर परीक्षा का आयोजन करा रही है न ही बेरोजगारों को रोजगार का कोई मौका ही मिल रहा है। नतीजा बैठे बैठे ही शिक्षित युवाओं की नौकरी की उम्र समाप्त हो रही है। विभागों में रिक्तियों का सीधा असर सरकारी काम काज पर पड़ रहा है। ताजा मामला लिपिक पद की रिक्ति से जुड़ा है जिसे जल्द भरने की मांग झारखंड राज्य मुफस्सिल लिपिक मोर्चा ने सरकार से की है।
सरकार पर लगाया आरोप
राज्य के विभिन्न माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक सरकारी विद्यालयों में कई दशक से लिपिक के पद रिक्त है। लोक सेवा आयोग तथा कर्मचारी चयन आयोग द्वारा लिपिकों के नियुक्ति हेतु विज्ञापन कभी प्रकाशित नहीं की गई तथा जिला प्रशासन द्वारा अनुकंपा के माध्यम से ही इस पद पर नियुक्तियां अभी तक की जा रही है।

छात्रों की संख्या बढ़ने के साथ साथ विद्यालयों की संख्या तथा विद्यालयों का उत्क्रमण में बढ़ोतरी हुई है। प्रत्येक माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में लिपिकों का न्यूनतम 1 पद तथा अधिकतम 3 स्वीकृत पद है। नई शिक्षा नीति के अनुसार सभी उच्च विद्यालय में कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई की जानी है। SOE योजना के आने से निजी विद्यालयों से छात्र सरकारी विद्यालयों में नामांकन ले रहे है।
पठन पाठन पर पड़ रहा असर
छात्रों की संख्या प्रत्येक वर्ष बढ़ जाने के कारण विद्यालय में कार्यालय कार्य की अधिकता बढ़ गई है, परंतु लिपिक के पद रिक्त रहने के कारण शिक्षकों को कार्यालय का कार्य संभालना पड़ रहा है,जिससे कक्षा संचालन में कठिनाई तथा विद्यालय का दैनिक कार्य प्रभावित हो रहा है। राज्य में सबसे ज्यादा लगभग 5000 पद लिपिकों का सरकारी विद्यालय में स्वीकृत है, जो ज्यादातर रिक्त है।
कब भरे जाएंगे पद
विद्यालयहित तथा छात्रहित में सभी माध्यमिक विद्यालयों में लिपिकों के न्यूनतम 3 पद स्वीकृत किया जाना चाहिए। वर्तमान में लगभग 1000 विद्यालय लिपिक इस राज्य में कार्यरत हैं। शेष लगभग 4000 पदों पर सरकार द्वारा नियुक्ति की जानी चाहिए, जिससे शिक्षा स्तर और भी बढ़ सके एवं बेरोजगार को रोजगार का अवसर प्राप्त हो सके।









