ट्रांसफर पोस्टिंग की सजने लगी दुकान तो कर्मचारी संघ ने कसी कमर,कहा – पुरानी….

Ranchi: जुलाई महीना आते ही सरकारी बाबू और अधिकारियों की चांदी हो जाती है। मामला जनता को सेवा देने का नहीं बल्कि ट्रांसफर पोस्टिंग का बड़ा खेल करने का शुरू ही जाता है। जब से डॉ इरफान अंसारी स्वास्थ्य मंत्री बने है तब से राज्य का स्वास्थ्य विभाग खासे चर्चा में है, वर्तमान में जो बातें सुर्खियां बटोर रहा है वो है स्वास्थ्य निदेशालय में ट्रांसफर पोस्टिंग की दुकान!
ये बात जगजाहिर है ट्रांसफर पोस्टिंग एक बड़ा उद्योग के रूप में विकसित हो रहा है। जिसमें जान बूझकर कर्मियों को पत्राचार के माध्यम से पहले डराया जाता है। उसके बाद कर्मचारी कार्यालय के चक्कर लगाते है फिर शुरू होती है ट्रांसफर के नाम पर बड़ी बोली। सामूहिक ट्रांसफर पोस्टिंग से राजकीय श्रावणी मेला और बरसात के मौसम में फैलने वाली बीमारी की रोकथाम पर सीधा असर पड़ने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।
सामूहिक तबादले के नाम पर लग रही है बड़ी बोली
पूर्व के निदेशक प्रमुख ने सामूहिक तबादले से संबंधित आदेश जारी किया तो कर्मचारी संगठनों ने विरोध दर्ज कर दिया और साफ शब्दों में अभ्यावेदन के आधार पर तबादला करने की मांग रखी और सामूहिक तबादले का विरोध किया। सूत्र बताते है कि 8 जुलाई की पूर्व निदेशक प्रमुख के जाते ही नए निदेशक प्रमुख डॉ सिद्धार्थ सान्याल ने पदभार संभाला और फिर नए तरीके से ट्रांसफर पोस्टिंग की कारवाई पर कदम रख रहे हैं। सूत्र बताते है कि ये फरमान ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर बड़ी बोली लगाने की है।
सामूहिक ट्रांसफर पोस्टिंग का क्यों कर रहे विरोध
सभी कर्मचारी संघ ने सामूहिक ट्रांसफर पोस्टिंग का विरोध दर्ज कर चुके है। इसकी वजह उन्होंने विभाग को बता रखी है। उनका मानना हैं कि बहुत विषम परिस्थिति में कर्मचारी सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में कार्य कर रहे है ऐसे में सामूहिक ट्रांसफर पोस्टिंग से कर्मचारी जो बहुत दिनों से कार्य कर रहे है उन्हें फिर से एक बार नए जगह पर पारिवारिक और आर्थिक संकट का सामना करना पड़ेगा। नए पदस्थापन से कई जगह फिर से रिक्त हो जाएंगे। जिसका सीधा असर स्वास्थ्य व्यवस्था पर पड़ेगा।
अभ्यावेदन पर ट्रांसफर करने की मांग.. क्या कहते है संगठन
पूर्व में भी कर्मचारी संगठन ने इस संबंध में मांग की थी कि सिर्फ अभ्यावेदन के आधार पर ही ट्रांसफर पोस्टिंग किया जाय। मालूम हो कि इसके पूर्व भी निदेशक प्रमुख प्रवीण चंद्रा ने सामूहिक ट्रांसफर पोस्टिंग की थी जो कि न्यायालयवाद का माकामला बना था और हाइकोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग को आड़े हाथ लिया था और फटकार लगाई थी।
फिलहाल आनन फानन में जिस तरह से निदेशक प्रमुख से लेकर सिविल सर्जन तक के ट्रांसफर किए गए उससे कर्मचारी संगठन आपस में गोल बंद हो रहे है। उनका मानना है कि इससे स्वास्थ्य व्यवस्था दुरुस्त नहीं बल्कि बदहाल होगी। ट्रांसफर उद्योग को पूरी तरह ध्वस्त करने की दिशा रणनीति बनाने में राज्यभर के कर्मी अग्रसर है।