झारखंड: अनियमित कर्मचारियों को दुर्गापूजा-दीपावली में मिलेगी खुशखबरी !, हेमंत सरकार ने नियमितिकरण की दिशा में बढ़ाया कदम, वित्त विभाग ने मांगी जानकारी…
Jharkhand: Irregular employees will get good news during Durga Puja-Diwali! Hemant government took a step towards regularization, Finance Department sought information...

रांची। झारखंड के संविदाकर्मियों को दुर्गापूजा-दीपावली में बड़ी खुशखबरी मिल सकती है। राज्य सरकार ने लंबे समय से संविदा, दैनिक भत्ता और आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों के नियमितीकरण की तैयारी शुरू कर दी है। वित्त विभाग ने अनियमित कर्मचारियों की संख्या और नियमितीकरण से होने वाले वित्तीय बोझ की जानकारी मांगी है। वित्त विभाग का ये कदम नियमितिकरण की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।
दरअसल झारखंड में कर्मचारी सालों से नियमितिकरण की मांग करते रहे है। कई बार प्रदर्शन और हड़ताल का दौर भी चला है। ऐसे में झारखंड सरकार ने राज्य में वर्षों से संविदा और आउटसोर्सिंग पर कार्यरत कर्मचारियों के लिए राहत की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। वित्त विभाग ने नियमितीकरण प्रक्रिया को लेकर आर्थिक आकलन और विभागवार समीक्षा शुरू कर दी है। इसके लिए छह संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारियों को अलग-अलग विभागों की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
वित्त विभाग की जिम्मेदारी तय
वित्त विभाग की ओर से संयुक्त सचिव राजेश बाखला के हस्ताक्षर से जारी पत्र के अनुसार, प्रत्येक विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि बैठक की तिथि, स्थान और समय की सूचना वित्त विभाग के नामित अधिकारी को समय पर दी जाए। साथ ही संबंधित पत्र की प्रतिलिपि राज्य स्तरीय कार्यालयों को भी भेजी जाएगी।
पत्र में बताया गया है कि संयुक्त सचिव पंकज कुमार सिंह को मंत्रिमंडल सचिवालय एवं निगरानी विभाग, स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग और परिवहन विभाग की जिम्मेदारी दी गई है। वहीं, अनिल कुमार यादव को कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग, ऊर्जा विभाग, वाणिज्यकर, पथ निर्माण, भवन निर्माण और ग्रामीण विकास विभाग का दायित्व सौंपा गया है। इसी तरह शेष विभागों के लिए भी अधिकारियों को नामित किया गया है।
1.60 लाख कर्मचारी लाभान्वित होंगे
राज्य सरकार के विभिन्न कार्यालयों में वर्तमान में लगभग 1.60 लाख कर्मचारी संविदा, दैनिक भत्ता और आउटसोर्सिंग पर काम कर रहे हैं। इनमें से अधिकांश सचिवालय से लेकर प्रखंड और पंचायत स्तर तक अपनी सेवाएं दे रहे हैं। लंबे समय से इन कर्मचारियों द्वारा नियमितीकरण की मांग की जा रही थी।
सबसे ज्यादा अनियमित कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग में है। जो अलग-अलग वर्ग में काम कर रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्यकर्मियों के बीच भी नियमितिकरण के इस कदम से काफी उत्साह है। अगर सरकार ने नियमितिकरण की दिशा में कदम बढ़ाया, तो ये त्योहारी सीजन में बड़ा तोहफा होगा।