आखिर कब पिघलेगा स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी का दिल ? मंत्री के आश्वाशन के वावजूद 6 महीने से राज्यभर के कर्मचारी को नहीं मिला वेतन..पढ़िए क्यों दुर्गा पूजा की आहट के साथ कर्मियों के आंखों में आए आंसू…

रांची: दुर्गा पूजा के पहले नहीं मिलेगा वेतन! स्वास्थ्य मंत्री जी हम और हमारा परिवार 6 महीने से वेतन की आस में है। सभी त्यौहार तो सुखी बीत गई अब दुर्गा पूजा भी यूं ही बीत जाएगी क्या?….. श्रावणी मेला के उद्घाटन के दौरान तो आपने देवघर में बोनस देने तक की बात कही थी पर  बोनस तो छोड़िए वेतन तक पर आफत है।…ये गुहार राज्य भर के उन कर्मियों का है जिन्हें पिछले 6 माह से वेतन नहीं मिला है।

क्या है मामला

मामला स्वास्थ्य कर्मचारियों से जुड़ा है जिन्हें पिछले 6 माह मतलब अप्रैल 2025 से वेतन नहीं मिला है। राज्य भर में  शीर्ष 2211 अंतर्गत कार्यरत ( वर्तमान में शीर्ष 2210 इन्फ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस) कर्मियों को वेतन नहीं मिल पाया है। मामला स्वास्थ्य मंत्री स्तर से रोक की वजह से पैदा हुई है।

सूत्रों के हवाले से मिली जानकारी के अनुसार विभाग द्वारा वेतन की फाइल अनुमोदन के लिए स्वास्थ्य मंत्री की भेजी गई थी परंतु स्वास्थ्य मंत्री डॉ इरफान अंसारी द्वारा कारण पृच्छा करते हुए  लौटा दी है। सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार अब तक 2 -3 बार मंत्री द्वारा फाइल लौटाई गई है। जिस वजह से वेतन का आवंटन जारी नहीं पाया है।

स्वास्थ्य मंत्री दे चुके है AJPMA को आश्वासन फिर भी नहीं मिला वेतन

स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन ऑल झारखंड पारा मेडिकल एसोसिएशन (AJPMA)  कई बार विभाग के अधिकारी और स्वास्थ्य मंत्री को पत्राचार किया है। साथ ही प्रतिनिधि मंडल ने भेंट वार्ता कर समस्या से अवगत कराया है। एसोसिएशन के पदाधिकारी को स्वास्थ्य मंत्री ने आश्वाशन भी दिया था कि वेतन आदेश जारी कर दिया जाएगा उसके वावजूद अब तक इसपर अमल नहीं ही पाया है।

महिला सशक्तिकरण के दावे खोखले

राज्य भर न सिर्फ कर्मचारी बल्कि पदाधिकारी भी वेतन न मिलने का दर्द झेल रहे है। सबसे अधिक संख्या महिलाकर्मियों की है। राज्य भर की महिला कर्मी में वेतन न मिलने से रोष व्याप्त है। उनका कहना हाइबकी सरकार महिला सशक्तिकरण का दावा करती है परन्तु जिस सरकार में हम महिला कर्मी भूखे है तो दावा पूरी तरह से खोखला है।

क्या है कर्मियों का दर्द

स्वास्थ्य कर्मचारी संगठन AJPMA के पदाधिकारी का कहना है कि अब तक ऐसा कभी नहीं हुआ है कि दुर्गा पूजा जैसे त्यौहार में कर्मी भूखे रह जाए। एक तरफ सरकार अग्रिम वेतन भुगतान का आदेश जारी करती है दूसरी तरफ सरकार के मंत्री आवंटन जारी करने पर रोक लगा देते है।ये अपने आप में आश्चर्य जनक है।आखिरकार वेतन भुगतान का आदेश जारी होगा तभी तो कर्मियों को वेतन मिल पाएगा!

दर्द भरी है कर्मियों की दास्तान

पिछले 6 माह से वेतन न मिलने से कर्मियों का दर्द बहुत गहरा है। कर्मियों ने बताया कि हम कर्मी अंतिम व्यक्ति तक  स्वास्थ्य लाभ पहुंचाते है और खुद अस्वस्थ हो रहे है। बच्चों के स्कूल फीस, ईद, बकरीद, मनसा पूजा, तीज, जितिया जैसे सभी त्यौहार बिना वेतन का काम किया, और अब दुर्गा पूजा… हमारे घर में भी बच्चे है, बुढ़े मां बाप है सभी की जिम्मेदारी कैसे निभाएं…हमारे पास तो पैसे भी नहीं है। ये दर्द की दास्तान गहरी है, अपने दर्द को बयां करते हुए कर्मियों की आँखें भी जाती है और आवाजें भर्रा जाती है। परंतु देखने वाली बात ये है कि आखिर कब तक अपने आप को जनता का मदीहा मानने वाले स्वास्थ्य मंत्री का दिल पसीजता है।

 

 

 

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