गैंंगस्टर सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सहित 5 गुर्गे गिरफ्तार, कुख्यात प्रिंस खान और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा का गैंग हुआ एक, पुलिस ने किया बड़ा खुलासा..
Gangster Sujit Sinha's wife Riya and five other henchmen arrested; gangs of notorious Prince Khan and gangster Sujit Sinha merged; police make a major revelation.

रांची। झारखंड में कुख्यात प्रिंस खान और गैंगस्टर सुजीत सिन्हा के बीच सेटिंग हो गयी है। राजधानी पुलिस ने इस आपराधिक गठजोड़ का खुलासा करते हुए सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा सहित पांच अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, यह गठबंधन राज्य में रंगदारी, अवैध हथियार कारोबार और अंतरराष्ट्रीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
पुलिस के मुताबिक प्रिंस खान गैंग और सुजीत सिन्हा गैंग—अब एक साथ मिलकर अपराध की दुनिया में काम कर रहे हैं। पुलिस के अनुसार, जेल में बंद सुजीत सिन्हा और विदेश (यूएई) में बैठे प्रिंस खान के बीच खतरनाक आपराधिक गठजोड़ बना है, जो रांची समेत पूरे झारखंड में रंगदारी, हथियार तस्करी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसी गतिविधियों को अंजाम दे रहा था।
पुलिस की कार्रवाई में सुजीत सिन्हा की पत्नी रिया सिन्हा के साथ इनामुल हक उर्फ बबलू खान, रवि आनंद उर्फ सिंघा, मो० शाहिद उर्फ अफरीदी खान, और मो० सेराज उर्फ मदन को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने इनके पास से तीन पिस्टल, सात मैगजीन, 13 जिंदा गोलियां, एक टाटा सफारी, एक आईफोन और पांच एंड्रॉइड मोबाइल फोन जब्त किए हैं।
रांची के सीनियर एसएसपी राकेश रंजन और सिटी एसपी पारस राणा के नेतृत्व में गठित विशेष टीम ने इस ऑपरेशन को अंजाम दिया। पुलिस की जांच में यह खुलासा हुआ कि जेल से सुजीत सिन्हा अपने गिरोह को निर्देश दे रहा था, जबकि रिया सिन्हा बाहर से उसके नेटवर्क को संभाल रही थी। इस गठबंधन का मकसद पूरे झारखंड में अपराध का नेटवर्क फैलाना और कारोबारियों से रंगदारी वसूलना था।
पाकिस्तान से हथियार कनेक्शन:
जांच के दौरान गिरफ्तार अपराधियों ने पुलिस को चौंकाने वाली जानकारी दी। उन्होंने बताया कि गिरोह के पास जो हथियार आते थे, वे पाकिस्तान से ड्रोन के माध्यम से पंजाब के मोगा जिले में गिराए जाते थे। वहां से ये हथियार झारखंड समेत देश के कई हिस्सों में पहुंचाए जाते थे। इन्हीं हथियारों का इस्तेमाल रांची के सत्यभामा अपार्टमेंट के बाहर हुई हवाई फायरिंग में भी किया गया था।
पुलिस के अनुसार, रांची में इनामुल हक उर्फ बबलू खान लेवी वसूली का काम देखता था। वसूली की गई रकम पहले सुजीत सिन्हा के लोगों तक पहुंचाई जाती थी और फिर उसे यूएई के रास्ते पाकिस्तान भेज दिया जाता था। वहां इस पैसे का इस्तेमाल अवैध हथियारों की खरीदारी और आतंक-समर्थित गतिविधियों में किया जाता था।
इस मामले में सदर थाना (बीआईटी मेसरा ओपी) में कांड संख्या 512/2025 दर्ज की गई है। आरोपियों के खिलाफ आर्म्स एक्ट और UAPA (Unlawful Activities Prevention Act) की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं।