जानिये कौन है रमीज और संजय यादव, जिसने लालू परिवार को तोड़ दिया, पहले तेजप्रताप और अब रोहिणी आचार्य परिवार से हो गये दूर
Find out who Rameez and Sanjay Yadav are, the men who broke up the Lalu family. First, Tej Pratap and now, Rohini Acharya have distanced themselves from the family.

Rohni Acharya : बिहार की राजनीति में नया भूचाल तब आ गया जब लालू प्रसाद यादव की बेटी रोहिणी आचार्य ने अचानक राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने का ऐलान कर दिया। उन्होंने इसके लिए तेजस्वी यादव की कोर टीम के दो करीबी—संजय यादव और रमीज—को जिम्मेदार ठहराया, जिसके बाद RJD के भीतर तनाव और बढ़ गया है। इस पूरे विवाद ने लालू परिवार में ‘महाभारत’ की शुरुआत जैसी स्थिति पैदा कर दी है।
रोहिणी आचार्य ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट लिखते हुए घोषणा की कि वह राजनीति से संन्यास ले रही हैं और अपने परिवार से दूरी बना रही हैं। इसके साथ ही उन्होंने तेजस्वी यादव की कोर टीम के दो मजबूत सदस्यों—संजय यादव और रमीज—का नाम लेते हुए कहा कि उनकी वजह से उन्हें ऐसा कदम उठाना पड़ा।
रोहिणी के इस बयान ने लालू परिवार के भीतर पहले से चल रही खटास को और बढ़ा दिया है। विशेष रूप से इसलिए कि तेज प्रताप यादव पहले ही संजय यादव को “जयचंद” कह चुके हैं। ऐसे में रोहिणी के बयान को परिवार के भीतर राजनीतिक ‘महाभारत’ की शुरुआत माना जा रहा है।
कौन है रमीज?
रोहिणी के निशाने पर आए रमीज नेमत खान का नाम अचानक चर्चा में आ गया है। रमीज मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले के हैं और जेल में बंद पूर्व सांसद रिज़वान ज़हीर के दामाद बताए जाते हैं। उनका नाम कई गंभीर मुकदमों—including हत्या—से भी जुड़ा हुआ है।राजद में रमीज की भूमिका बेहद अहम मानी जाती है, खासकर सोशल मीडिया प्रबंधन और चुनावी रणनीति में। उनकी पत्नी भी विधानसभा चुनाव लड़ चुकी हैं, जिससे परिवार की राजनीतिक सक्रियता स्पष्ट होती है।
दिलचस्प बात यह है कि रमीज और तेजस्वी यादव पुराने क्रिकेट साथी रह चुके हैं। झारखंड की ओर से उन्होंने 30 फर्स्ट क्लास मैच खेले और दाएं हाथ के बल्लेबाज के रूप में पहचान बनाई। 2016 में RJD से जुड़ने के बाद वह पहले डिप्टी CM कार्यालय में जुड़े और फिर तेजस्वी यादव की टीम के प्रमुख सदस्य बन गए। वर्तमान में वह तेजस्वी के दैनिक कार्यक्रमों से लेकर चुनाव कैंपेन तक कई महत्वपूर्ण काम संभालते हैं।
संजय यादव कौन हैं?
रोहिणी द्वारा नामित दूसरा व्यक्ति संजय यादव हैं, जो RJD के सबसे प्रभावशाली रणनीतिकारों में गिने जाते हैं। हरियाणा के महेंद्रगढ़ के रहने वाले संजय यादव कंप्यूटर साइंस में पोस्टग्रेजुएट और MBA डिग्रीधारी हैं।2012-13 में वह तेजस्वी यादव से जुड़े और तब से ही पार्टी की सोशल मीडिया रणनीति, चुनावी संदेश निर्माण और टीमें तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे हैं। उनकी बढ़ती राजनीतिक ताकत से RJD के भीतर कई नेता असहज भी रहे हैं। उन पर टिकट बेचने से लेकर प्रभाव का गलत इस्तेमाल करने के आरोप भी कई बार लगे हैं, हालांकि इन आरोपों को साबित नहीं किया जा सका है।
क्या है पूरा विवाद?
चुनाव में RJD को महज 25 सीटें मिलने के बाद रोहिणी आचार्य पार्टी की स्थिति और रणनीति से पहले ही नाराज़ थीं। लेकिन जब उन्होंने अपने पोस्ट में यह लिखा कि संजय यादव और रमीज ने उन्हें राजनीति छोड़ने और परिवार से दूरी बनाने की सलाह दी, तो विवाद और गहरा गया।रोहिणी ने लिखा:
“मैं राजनीति छोड़ रही हूं और परिवार से दूरी बना रही हूं। संजय यादव और रमीज ने मुझसे ऐसा करने के लिए कहा था। मैं सारी जिम्मेदारी ले रही हूं।”इस बयान ने RJD नेतृत्व को भी मुश्किल स्थिति में डाल दिया है। तेजस्वी की टीम पर उंगली उठने से राजनीतिक संदेश साफ है—परिवार के भीतर मतभेद गंभीर स्तर तक पहुंच चुके हैं।









