धनबाद में खदान हादसा : झारखंड में खदान धंसने से दो लोगों की मौत की खबर, मचा हड़कंप, विधायक ने लगाये गंभीर आरोप, पुलिस-प्रशासन जांच में जुटा
Dhanbad mine accident: Two people have died in a mine collapse in Jharkhand, sparking outrage; MLA makes serious allegations; police and administration investigate.

धनबाद। धनबाद में एक खदान हादसे की खबर आ रही है। घटना के बाद प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। पूरा मामला धनबाद जिले के मुग्मा क्षेत्र स्थित ईसीएल की एक बंद पड़ी खदान की है। जहां रविवार सुबह अवैध खनन के दौरान बड़ा हादसा हो गया. खदान का एक हिस्सा अचानक धंस गया, जिसमें दो मजदूरों की मौत हो गयी और कई गंभीर रूप से घायल हो गये. घटना के बाद इलाके में अफरा-तफरी मच गयी।
40 किलोमीटर दूर हुआ हादसा
हादसा धनबाद जिला मुख्यालय से करीब 40 किलोमीटर दूर मुग्मा क्षेत्र में हुआ। निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने दावा किया कि एक मजदूर की मौके पर ही मौत हो गयी थी, जबकि दूसरे ने पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ा। विधायक का आरोप है कि पुलिस अवैध खनन की घटना को दबाने का प्रयास कर रही है।
झारखंड के निरसा विधायक अरूप चटर्जी ने सोमवार को इस घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि खदान के धंसने से एक मजदूर की मौत मौके पर ही हो गई, जबकि दूसरे मजदूर ने पश्चिम बंगाल के एक अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ दिया। चटर्जी ने यह भी दावा किया कि कई मजदूर अभी भी घायल हैं, जिनमें कुछ गंभीर रूप से जख्मी हैं।
विधायक अरूप चटर्जी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्थानीय प्रशासन और पुलिस अवैध खनन के मामलों को छिपाने की कोशिश करता है। उनके अनुसार, स्थानीय मीडिया की रिपोर्ट आने के बाद ही पुलिस ने मामले को संज्ञान में लिया और जांच शुरू की। उन्होंने साफ कहा कि अवैध खनन माफिया स्थानीय स्तर पर प्रभावी हैं और प्रशासन अक्सर उनके दबाव में काम करता है।
मृतक मजदूरों की पहचान और परिजनों के आरोप
मरने वालों में से एक की पहचान पश्चिम बंगाल के पश्चिम बर्धमान जिले के निवासी मनोज कोइरी (46) के रूप में हुई है। मनोज के बेटे दुलमुल कोडरी ने बताया कि उनके पिता रोजी-रोटी की तलाश में मुग्मा क्षेत्र पहुंचे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि झारखंड के मुग्मा इलाके का एक ठेकेदार पश्चिम बंगाल से लगभग 12 मजदूर अवैध खनन के लिए लेकर आया था।
दुलमुल ने बताया, “रविवार सुबह खनन शुरू हुआ ही था कि खदान का एक बड़ा हिस्सा ढह गया। कम से कम पाँच मजदूर मलबे के नीचे दब गए। कई मजदूरों की चीख-पुकार के बावजूद ठेकेदार मदद के लिए वापस नहीं आया।” उन्होंने आगे कहा कि चूंकि सभी मजदूर बंगाल के थे, इसलिए स्थानीय समर्थन नहीं मिला और घायल मजदूरों को इलाज के लिए कुल्टी और आसनसोल ले जाना पड़ा।
स्थानीय प्रशासन ने शुरू की जांच
निरसा उप-भागीय पुलिस पदाधिकारी (एसडीपीओ) रजत माणिक बाखला ने कहा कि पुलिस मीडिया से मिली जानकारी के आधार पर जांच कर रही है। उन्होंने कहा कि अभी तक अवैध खनन या ठेकेदार की भूमिका पर कोई स्पष्ट बयान नहीं दिया जा सकता, लेकिन मौके की परिस्थितियों का निरीक्षण किया जा रहा है।









