झाऱखंड में खुलेगा नौकरियों का पिटारा, वन विभाग में निकलेगी सैंकड़ों पदों पर भर्तियां, तृतीय श्रेणी के इन पदों पर प्रस्ताव….

Jharkhand will open a job market, with hundreds of vacancies in the Forest Department, with proposals for these Class III positions.

Jharkhand Job: झारखंड में एक बार फिर नौकरियों की बहार आने वाली है। नये साल के पहले झारखंड सरकार नयी भर्ती जारी करने जा रही है। वन विभाग में करीब 600 पदों पर नियुक्तियां होगी। तृतीय श्रेणी में होने वाली भर्ती को लेकर तैयारी पूरी हो गयी है। विभाग जल्द ही इस संबंध में प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजेगा। लंबे समय से लंबित रेंजर और गार्ड भर्ती प्रक्रिया 2022 में अधर में रह गई थी, जिसे अब नए निर्देशों के साथ फिर शुरू किया जाएगा। इससे वन क्षेत्रों में निगरानी, योजनाओं के क्रियान्वयन और संरक्षण कार्यों में मजबूती आएगी।

 

इन पदों में मुख्य रूप से वन रेंजर और वन गार्ड शामिल हैं, जिन पर नियुक्ति लंबे समय से लंबित है।विभाग सूत्रों के अनुसार, वन क्षेत्रों में निगरानी, सुरक्षा और संरक्षण से जुड़े इन पदों के खाली रहने से कामकाज प्रभावित हो रहा था। वर्तमान में विभाग में दोनों संवर्गों के करीब 1200 पद रिक्त हैं, जिसमें से आधे पदों को सीधी नियुक्ति और शेष को प्रोन्नति के माध्यम से भरा जाएगा।

 

रेंजरों की भारी कमी, एक रेंजर के पास 5–10 रेंज का प्रभार

राज्य में रेंजरों की स्थिति बेहद चिंताजनक है। फिलहाल झारखंड में केवल 20 के करीब रेंजर कार्यरत हैं, जबकि उनके कंधों पर 5–10 रेंज का प्रभार है। इससे फील्ड वर्क, निरीक्षण और निगरानी की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है।नई नियुक्ति के बाद राज्य के सभी रेंजों को अपना स्थायी रेंजर मिल सकेगा, जिससे प्रशासनिक कामकाज में तेजी आएगी और जमीनी स्तर पर निगरानी मजबूत होगी।

 

2022 में अटकी थी नियुक्ति, स्थानीयता और योग्यता बनी थी बाधा

वन विभाग में इन पदों पर नियुक्ति की प्रक्रिया वर्ष 2022 में शुरू हुई थी, लेकिन स्थानीयता एवं शैक्षणिक योग्यता से जुड़े स्पष्ट दिशानिर्देश न होने के कारण यह अधूरी रह गई।

अब विभाग स्पष्ट मानदंड निर्धारित करके प्रस्ताव तैयार कर रहा है, ताकि नई भर्ती प्रक्रिया सुचारू रूप से पूरी हो सके।

 

वन योजनाओं के संचालन और निगरानी को मिलेगी गति

रेंजर और गार्ड की कमी का असर राज्य में चल रही कई योजनाओं पर पड़ा है। अकेले वन विभाग हर वर्ष 200 करोड़ रुपये से अधिक की योजनाएं संचालित करता है, जिसमें पौधारोपण, निर्माण कार्य, वन संरक्षण, वन्यजीव संरक्षण, आजीविका और ग्रीन कवरेज बढ़ाने से जुड़ी योजनाएं शामिल हैं।

 

रेंजरों की कमी के कारण योजनाओं की मॉनिटरिंग प्रभावित हो रही है, जबकि निरीक्षण और सत्यापन रिपोर्ट में देरी, वन संरक्षण मामलों में त्वरित कार्रवाई में समस्या, फील्ड सर्विलांस कमजोर हो रहा है। ऐसे में नियुक्ति पूरी होने के बाद वन विभाग अन्य खाली पदों पर भी भर्ती प्रक्रिया शुरू करेगा, जिससे विभागीय ढांचा और मजबूत होने की उम्मीद है।

ashrita

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