बड़ी खबर, सैलरी घोटाला ! : 50000 कर्मचारियों ने चार महीने से नहीं निकाली सैलरी? विभागों में मचा हड़कंप, सरकार ने शुरू की जांच, कहीं फर्जी कर्मचारी के….. ?

Big news, salary scam! : 50000 employees have not drawn salary for four months? Panic in departments, government begins investigation, is there any fake employee.....?

Salry Scam ! : कर्मचारी जहां 1 महीने की सैलरी नहीं मिलने पर पूरा विभाग सर पर उठा लेते हैं, वही 50,000 से ज्यादा कर्मचारियों ने पिछले 4 महीना से अपनी सैलरी ट्रेजरी से नहीं निकली है। यह खबर सामने आने के बाद अब हड़कंप मचा हुआ है। इस मामले में विभागीय स्तर पर जांच भी शुरू कर दी है। मामला सैलरी स्कैम का प्रतीत हो रहा है। लिहाजा, सरकार काफी ज्यादा सतर्क भी है।

 

ये पूरा मामला मध्य प्रदेश का है। जानकारी के मुताबिक कोष एवं लेखा विभाग ने सभी विभागों से उनके कार्यरत नियमित कर्मचारियों और अनियमित कर्मचारियों की जानकारी उपलब्ध कराने के लिए पत्र लिखा है। जानकारी के मुताबिक पिछले 4 महीना से कर्मचारियों की सैलरी ट्रेजरी से नहीं निकली है। इसके बाद कोष एवं लेखा विभाग के अधिकारियों में एक बड़े सैलरी घोटाले की तरफ आशंकाएं गहराई है।

 

लिहाजा आयुक्त कोष एवं लेखा विभाग ने सभी विभागों के ट्रेजरी ऑफिसर को पत्र लिखकर कर्मचारियों की जानकारी मांगी है। कोषालय अधिकारियों को लिखे पत्र में बताया गया है कि रेगुलर और नन रेगुलर कर्मचारियों की डाटा उपलब्ध करायें। पत्र में यह भी कहा गया है कि कई रेगुलर और नन रेगुलर कर्मचारियों ने दिसंबर 2024 के बाद अब तक सैलरी से नहीं निकली है, इसकी भी जानकारी उन्हें उपलब्ध कराया जाये।

 

पत्र में 40000 नियमित कर्मचारी और 10000 अनियमित कर्मचारियों की जानकारी भी ट्रेजरी ऑफिसर को भेजी गई है, जिनका 4 महीने से वेतन नहीं निकाला गया है। आयुक्त के अनुसार इन कर्मचारियों के एम्पलाई कोड भी आवंटित है, लेकिन मृत्यु और रिटायरमेंट की तिथि आईएफएमआईएस में दर्ज नहीं की गई है।

 

आयुक्त ने सभी ट्रेजरी ऑफिसर को 15 दिन के भीतर जानकारी देने को कहा है। साथ ही यह भी पूछा गया है कि आखिरकार किन परिस्थितियों में 50000 कर्मचारियों के वेतन का आहरण नहीं किया गया है। कोष एवं लेखा कार्यालय के इस पत्र के बाद सवाल उठने लगा है कि क्या इतने कर्मचारी संदिग्ध, काल्पनिक या फर्जी तौर पर काम कर रहे हैं?

 

यदि फर्जी और काल्पनिक कर्मचारी चिन्हित किए जाते हैं, तो संभागीय संयुक्त संचालक कोष एवं लेखा विभाग के माध्यम से तत्काल प्रतिवेदन मांगी गई है। यह मामला इसलिए भी ज्यादा गंभीर है क्योंकि हजारों कर्मचारियों की सैलरी भले ही चार महीने से नहीं निकल गई हो, लेकिन उनके एम्पलाई कोड जनरेट किए गए हैं।

 

जाहिर है इससे भविष्य में सैलरी निकाले जाने की आशंका बनी हुई है।सरकार को संदेह है कि इतनी बड़ी संख्या में कर्मचारियों का वेतन न मिलाना कहीं फर्जी कर्मचारी कोड बनाए जाने की तरफ इशारा तो नहीं कर रहा। लिहाजा विभागों से जानकारी जुटा जा रही है। तय है कि विभागों से रिपोर्ट आने के बाद एक बड़ा खुलासा हो सकता है।

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