धनबाद: पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह की बढ़ सकती है मुश्किलें, कोर्ट के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी मामले में अधिवक्ताओं ने….
Dhanbad: Former MLA Purnima Neeraj Singh's troubles may increase, lawyers filed a case against him for making objectionable comments against the court....

धनबाद। झरिया की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह पर न्यायालय के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करने का गंभीर आरोप लगा है। दो अधिवक्ताओं ने सीजेएम कोर्ट में उनके खिलाफ मामला दायर किया है। दरअसल पूरा मामला उस समय का है जब पूर्णिमा सिंह ने कैंडल मार्च निकाला था। उस दौरान अदालत के फैसले पर असंतोष जताते हुए कथित तौर पर आपत्तिजनक शब्दों का प्रयोग किया था।
पिछले दिनों झरिया की पूर्व विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने जिला परिषद मैदान से रणधीर वर्मा चौक तक कैंडल मार्च निकाला था। इस दौरान उन्होंने अपने दिवंगत पति और पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत चार लोगों की हत्या से जुड़े एक मामले में अदालत के आए फैसले पर खुलकर असंतोष जताया।रणधीर वर्मा चौक पर जनसभा को संबोधित करते हुए पूर्णिमा ने कथित तौर पर कहा कि “यह न्यायालय नहीं, अन्यायालय है।” इस टिप्पणी को लेकर अधिवक्ताओं में गहरा आक्रोश उत्पन्न हो गया।
अधिवक्ताओं ने जताया विरोध
धनबाद के दो अधिवक्ताओं ने इस बयान को अदालत की अवमानना और न्यायपालिका की गरिमा को ठेस पहुँचाने वाला बताया। उनका कहना है कि किसी भी व्यक्ति को, चाहे वह जनप्रतिनिधि ही क्यों न हो, न्यायालय पर इस तरह की अभद्र टिप्पणी करने का अधिकार नहीं है। अधिवक्ताओं ने जोर देकर कहा कि न्यायपालिका लोकतंत्र का आधार स्तंभ है और उसके खिलाफ इस तरह की टिप्पणी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
कोर्ट में दायर हुआ मुकदमा
अधिवक्ताओं ने पूर्णिमा नीरज सिंह के खिलाफ धनबाद सीजेएम (मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी) कोर्ट में मामला दायर किया है। उनका कहना है कि चूंकि कथित बयान रणधीर वर्मा चौक पर दिया गया था और यह इलाका सीजेएम कोर्ट के अधिकार क्षेत्र में आता है, इसलिए मुकदमा सीधे इसी अदालत में दर्ज कराया गया है।
शिकायतकर्ताओं ने मांग की है कि पूर्णिमा सिंह को अविलंब अपने बयान वापस लेना चाहिए। यदि ऐसा नहीं होता है तो अधिवक्ता समुदाय उनके खिलाफ कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से लड़ाई जारी रखेगा। उनका कहना है कि इस तरह की टिप्पणी से न केवल अदालत की साख पर सवाल उठते हैं, बल्कि आम जनता के बीच न्यायपालिका पर विश्वास भी कमजोर होता है।