JSLPS में सरकारी राशि गबन मामले में 2 अधिकारी बर्खास्त, राशि वसूली की कारवाई शुरू, राशि वापस नहीं करने पर..…

JSLPS news: झारखंड सरकार में वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर हुआ है। मामला प्रकाश में आने के बाद दो अधिकारी को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही वसूली के भी आदेश दिए गए है। मामला ग्रामीण विकास विभाग से जुड़ा है।
ग्रामीण विकास विभाग के अधीन अंतर्गत झारखंड लाइवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी (JSLPS ) में वित्तीय अनियमितता की बात सामने आने के बाद दो पदाधिकारियों को सेवा से बर्खास्त करते हुए कुल 17,41,100 रुपये की वसूली की कवायद शुरू कर दी गई है. यह मामला लातेहार के डिस्ट्रिक्ट मिशन मैनेजमेंट यूनिट का है।
JSLPS से जुड़ा मामला
वित्तीय अनियमितता का मामला लातेहार के DMMU यानी डिस्ट्रिक्ट मिशन मैनेजमेंट यूनिट में गड़बड़ी के बाद जांच समिति की सिफारिश के मुताबिक लातेहार के पूर्व डिस्ट्रिक्ट प्रोग्राम मैनेजर सचिन साहू और पूर्व डिस्ट्रिक्ट फाइनेंस ऑफिसर अश्विनी कुमार दास ने कुल 17 लाख 14 हजार 100 रुपये की वित्तीय अनियमितता की है.
इसमें 13,14,100 रुपये आजीविका पशु सखी किट्स और 4 लाख रुपये मूंगफली बीज निकालने की मशीन की खरीदारी से जुड़ा है. इस मामले में 23 मार्च 2025 को ही दोनों आरोपियों को सेवा से बर्खास्त किया जा चुका है.
वसूली जाएगी राशि
गबन की गई राशि वसूली को लेकर जेएसएलपीएस के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (COO) विष्णु चरण पारिदा ने दोनों आरोपियों के नाम पत्र जारी किया है. उन्होंने जांच समिति की सिफारिश का हवाला देते हुए दोनों को 50%-50% के हिसाब से राशि लौटाने को कहा है. खास बात है कि 25 मई 2025 को पत्र जारी कर दोनों को राशि वापस करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया था.
तय समय सीमा के भीतर राशि वापस नहीं करने पर कानूनी कार्रवाई करने की बात कही गई थी. साथ ही जेएसएलपीएस से जुड़े सभी तरह के कागजात और दूसरे मेटेरियल वापस करने को कहा गया था।
क्या है JSLPS, कैसे करती है काम
महिला सशक्तिकरण की दिशा में JSLPS की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। JSLPS एक स्वायत सोसाइटी है जिसकी स्थापना साल 2009 में झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अधीन हुई थी. इसका काम गरीबी उन्मूलन से जुड़ी योजनाओं को बनाना और क्रियान्वित करना है.
राज्य सरकार ने जेएसएलपीएस को NRLM यानी नेशनल रूरल लाइवलीहुड मिशन से जुड़े कार्यों को भी संचालित करने का अधिकार दे रखा है. यह सोसाइटी सखी मंडलों को चक्रिय निधि और सामुदायिक निविश निधि उपलब्ध कराती है. इसका मकसद है समाज की गरीब महिलाओं के ग्रुप को संगठित करना, उन्हें सक्षम बनाकर स्थायी रोजगार की व्यवस्था करना, ताकि महिलाएं आर्थिक रूप से मजबूत हो सकें. संस्था द्वारा कई रोजगारोन्मुखी कार्यक्रम चलाए जाते हैं।