झारखंड: 1932 की खतियान आधारित स्थानीय नीति ने फिर पकड़ा जोर, खतियानी पदयात्रा लेकर राजधानी पहुंचे JLKM के कार्यकर्ता आज देंगे राजभवन के सामने धरना

Jharkhand: The 1932 Khatian based local policy has gained momentum again, JLKM workers who reached the capital with Khatian padyatra will stage a dharna in front of Raj Bhavan today

रांची। झारखंड में 1932 की खतियान की मांग फिर से उठने लगी है। इसे लेकर प्रदर्शन भी अब फिर से तेज हो गया है। 1932 के खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग को लेकर झारखंड के संथालपरगना और दुमका जिले से कई युवा पदयात्रा करते हुए राजधानी पहुंचे हैं। अब आज वो राजभवन के सामने धरना देंगे।

 

युवाओं का हौसला अफजाई करते हुए युवा विधायक जयराम महतो ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया है। उन्होंने कहा है कि संथाल परगना से JLKM के आंदोलनकारी साथी 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लागू करने को लेकर पदयात्रा करते हुए रांची पहुंचे है सभी साथी 05.06.2025 को राजभवन के समक्ष धरना पर बैठेंगे अगल बगल जिला के साथियों से अनुरोध है की धरना स्थल पर पहुँचे और इस धरना को सफल बनाये।

 

आपको बता दें कि झारखण्ड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (JLKM) द्वारा 15 मई से खतियानी पदयात्रा शुरू हुई थी। राज्य की उपराजधानी दुमका से आरंभ हुई थी और अलग-अलग जिलों से होते हुए ये रांची पहुंची है। इस पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य झारखंडवासियों को उनका संवैधानिक हक और पहचान दिलाना है।

पार्टी झारखंड में 1932 के खतियान को स्थानीय नीति, नियोजन नीति और विस्थापन नीति का आधार बनाए जाने की पुरजोर मांग कर रही है। झारखंड के युवाओं को ग्रुप ‘C’ और ‘D’ की सरकारी नौकरियों में 100 प्रतिशत आरक्षण मिलना चाहिए ताकि उन्हें राज्य में ही रोजगार मिल सके। साथ ही जाति आधारित जनगणना और आदिवासी अधिकारों को लेकर भी पार्टी की मांगें स्पष्ट हैं।

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