झारखंड बड़ी खबर: राज्यकर्मियों के स्वास्थ्य बीमा योजना में बदलाव की तैयारी, स्वास्थ्य बीमा का नया पैकेज होगा तैयार, कमेटी 15 दिन में देगी रिपोर्ट

Jharkhand big news: Preparations for change in health insurance scheme for state employees, new health insurance package will be prepared, committee will submit report in 15 days

रांची | झारखंड सरकार राज्यकर्मियों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए नये सिरे से शुरुआत कर रही है। राज्यकर्मी स्वास्थ्य बीमा योजना में आ रही खामियों को दूर करने के लिए 15 सदस्यीय समिति का गठन किया है। इस जंबो कमेटी की अध्यक्षता झारखंड स्टेट आरोग्य सोसाइटी के कार्यकारी निदेशक करेंगे। कमेटी से 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट मांगी गयी है।

 

बीमा योजना की खामियों ने खोली व्यवस्था की पोल

दरअसल 1 मार्च 2025 से लागू इस योजना में कर्मचारियों से 500 रुपये प्रतिमाह प्रीमियम वसूला जा रहा है, लेकिन इसके बावजूद कर्मचारी इलाज के समय अपने जेब से पैसे खर्च करने को मजबूर हैं। इलाज के लिए तय कैपिंग सिस्टम के कारण सर्जरी, डिलीवरी या अन्य महंगे उपचारों में बड़ी राशि कर्मचारियों को खुद देनी पड़ रही है, जिससे बीमा योजना को लेकर नाराजगी बढ़ी है।

 

सर्जरी से लेकर डिलीवरी तक सब तय दरों पर

योजना में 2633 बीमारियों के लिए फिक्स पैकेज रेट तय हैं। उदाहरण के तौर पर:

• सिजेरियन डिलीवरी के लिए ₹18,876

• नॉर्मल डिलीवरी के लिए ₹17,440

• घुटना प्रत्यारोपण के लिए ₹1,10,000

अगर अस्पताल तय राशि से ज्यादा चार्ज करता है, तो बाकी पैसा मरीज यानी कर्मचारी को चुकाना पड़ता है।

 

समिति को मिले हैं ये जिम्मे

• पूर्व पैकेज रेट की समीक्षा कर नए पैकेज दर तैयार करना

• अस्पतालों के संबद्धीकरण और अतिरिक्त सुविधाओं पर रिपोर्ट देना

• बीमा योजना को व्यवहारिक और लाभकारी बनाने के उपाय सुझाना

कर्मचारियों में बढ़ती नाराजगी

बीमा योजना लागू होने के बाद भी कर्मचारियों को अस्पताल में जाकर यह जानकर निराशा हो रही है कि योजना में शामिल होने के बावजूद उन्हें मरीज के तौर पर पूरी राहत नहीं मिल पा रही। इस बात की कई लिखित शिकायतें भी सामने आई हैं, जिनमें अस्पतालों द्वारा मनमाना शुल्क वसूलने की बात कही गई है।

 

सभी वर्गों को योजना में शामिल करने की कवायद

अब तक राज्य के 1.83 लाख कर्मियों और पेंशनर्स के साथ 4.65 लाख आश्रितों को इस योजना मंे जोड़ा गया है। साथ ही 15 हजार अधिवक्ताओं को भी इसका लाभ दिया गया है। राज्य के 192 अस्पतालों और राज्य से बाहर के 673 अस्पतालों को सूचीबद्ध किया गया है।

 

समिति में शामिल प्रमुख सदस्य:

• निदेशक प्रमुख, स्वास्थ्य सेवाएं

• वित्त विभाग के प्रतिनिधि

• रांची के सिविल सर्जन

• रिम्स और मेडिका जैसे प्रमुख अस्पतालों के अधिकारी

• IMA और AHAI के पदाधिकारी

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