Jharkhand Breaking: DGP अनुराग गुप्ता ने दिया इस्तीफा! राजनीतिक सरगर्मी तेज, विभाग में मची हलचल

Ranchi: प्रदेश में DGP का पद सुर्खियों में रहा है। वर्तमान DGP अनुराग गुप्ता के सेवानिवृत्ति के बाद केंद्र सरकार ने उनका कार्यकाल नहीं बढ़ाया था उसके वावजूद हेमंत सरकार ने उन्हें डीजीपी के पद पर बरकरार रखा।हेमंत सरकार ने न सिर्फ कार्यकाल बरकरार रखा बल्कि उनके नियमित वेतनादि भुगतान का भी आदेश जारी किया। सरकार को इस कार्य प्रणाली का तीखा विरोध विपदक्ष का झेलना पड़ा है।कई बार विपक्षी पार्टी भाजपा प्रदेश को DGP विहीन करार दे चुकी है।
उसके वावजूद अब खबर आ रही है कि झारखंड के डीजीपी अनुराग गुप्ता ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. बताया जा रहा है कि उन्होंने मंगलवार देर शाम इस्तीफा सौंपा.
जबकि सरकार ने उनके इस्तीफे को मंजूरी दी है या नहीं, इसकी आधिकारिक पुष्टि का इंतजार है. साथ ही यह भी स्पष्ट नहीं है कि उनके स्थान पर नया डीजीपी कौन बनेगा. सूत्र बताते है कि प्रशांत सिंह और एमएस भाटिया के नाम चर्चा में हैं.
कैसे हुई सुर्खियों का बाजार गर्म
मंगलवार 4 नवंबर की रात करीब 7.30 बजे अचानक डीजीपी कार्यालय में गतिविधियां तेज हो गई। कार्यालय बंद होने के वावजूद DGP अनुराग गुप्ता खुद वहां पहुंचे. थोड़ी देर रुकने के बाद वे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के कांके रोड स्थित आवास गए और कुछ देर बाद वापस लौट आए. इन घटनाओं के बाद उनके इस्तीफे की खबर आग की तरह फैल गई. हालांकि न तो सरकार की ओर से और से न ही अनुराग गुप्ता की तरफ से इसकी आधिकारिक पुष्टि की गई है.
BJP ने किया था कड़ा विरोध
1990 बैच के इस आइपीएस अधिकारी को सेवानिवृत्ति के बाद डीजीपी बनाए जाने के फैसले को कोर्ट में भी चुनौती दी गई थी। इस मामले में भाजपा के बड़े नेता और झारखंड में नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका को खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजनीतिक उद्देश्यों के लिए दायर अवमानना याचिका स्वीकृत नहीं की जा सकती है।
कैसा है DGP अनुराग गुप्ता का कार्यकाल
वर्ष 2022 में अनुराग गुप्ता को डीजी रैंक में पदोन्नति मिली थी और उन्हें डीजी ट्रेनिंग बनाया गया था. इसके बाद 26 जुलाई 2024 को उन्हें झारखंड का प्रभारी डीजीपी नियुक्त किया गया. विधानसभा चुनाव से पहले चुनाव आयोग ने उन्हें हटा दिया था. चुनाव खत्म होने और हेमंत सोरेन सरकार की वापसी के बाद, 28 नवंबर 2024 को उन्हें फिर से डीजीपी बनाया गया.
केंद्र की नाराजगी के वावजूद हेमंत सरकार ने बनाया DGP
फरवरी 2025 में उन्हें नियमित डीजीपी के रूप में नियुक्त किया गया. सरकार की अधिसूचना में यह उल्लेख था कि उनका कार्यकाल “महानिदेशक एवं पुलिस महानिरीक्षक झारखंड (पुलिस बल प्रमुख) चयन एवं नियुक्ति नियमावली 2025″ के तहत दो वर्ष का होगा. अचानक आई इस्तीफे की खबर ने पुलिस महकमे और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है. जबकि प्रदेश में विपक्ष के निशाने पर हमेशा से डीजीपी अनुराग गुप्ता रहे हैं।अब इस घटनाक्रम का सभी की आधिकारिक बयान का इंतजार है।
केंद्र ने भी नहीं दिया था स्वीकृति
केंद्र लोक सेवा आयोग ने भी उनके प्रोन्नति और सेवा काल बढ़ाने को लेकर फैसला टाल दिया था।इसके बाद से ही उनके पद को लेकर असमंजस की स्थिति और गहराने लगी थी। यह साफ हो गया था कि केंद्र की मंजूरी के बिना गुप्ता का पद पर बने रहना मुश्किल होगा। सूत्रों के अनुसार इसी पृष्ठभूमि में उन्होंने इस्तीफा देना उचित समझा









