झारखंड हाईकोर्ट ने जेएसएससी को लगाई फटकार, 2 लाख जुर्माना और 3 करोड़ से अधिक भुगतान का आदेश, जानिये पेपर लीक का क्या है मामला
Jharkhand High Court reprimanded JSSC, ordered to pay 2 lakh fine and more than 3 crore rupees, know what is the matter of paper leak

Jharkhand Highcourt News। झारखंड राज्य कर्मचारी चयन आयोग पर हाईकोर्ट ने दो लाख का जुर्माना लगाया है। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव और जस्टिस राजेश शंकर की खंडपीठ ने झारखंड डिप्लोमा स्तरीय संयुक्त प्रवेश प्रतियोगिता परीक्षा के पेपर लीक मामले में सुनवाई हुई। अदालत ने परीक्षा संचालित करने वाली एजेंसी विंसेंस टेक्नोलॉजी को अवैध रूप से ब्लैकलिस्ट करने के आदेश को रद्द करते हुए, JSSC पर दो लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
साथ ही, आयोग को 41 लाख रुपये की बैंक गारंटी और 2.90 करोड़ रुपये के बकाया बिल का भुगतान सात प्रतिशत ब्याज सहित चार सप्ताह में करने का निर्देश दिया गया है। खंडपीठ ने स्पष्ट रूप से कहा कि सिर्फ पुलिस रिपोर्ट के आधार पर किसी संस्था को आजीवन डिबार या ब्लैकलिस्ट नहीं किया जा सकता। विंसेंस टेक्नोलॉजी की ओर से दाखिल याचिका में JSSC के उस आदेश को चुनौती दी गई थी जिसमें कंपनी को पेपर लीक के आरोप में काली सूची में डाला गया था।
एजेंसी बोली – हमने सीलबंद पेपर दिए, लीक से नहीं हमारा संबंध
कंपनी की ओर से अधिवक्ता अजीत कुमार और विकल्प गुप्ता ने कोर्ट को बताया कि एजेंसी ने सभी परीक्षा केंद्रों में सीलबंद प्रश्नपत्र भेजे थे और पेपर लीक की घटना से उसका कोई संबंध नहीं था। पुलिस ने भी 2024 में सौंपी गई रिपोर्ट में एजेंसी की संलिप्तता से इनकार किया है और अब तक चार्जशीट भी दाखिल नहीं की गई है।
आयोग बोला – परीक्षा रद्द करनी पड़ी, इसलिए भुगतान नहीं
वहीं आयोग की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल और प्रिंस कुमार सिंह ने दलील दी कि एजेंसी द्वारा ली गई परीक्षा को आयोग ने पेपर लीक के कारण रद्द करना पड़ा, इसलिए भुगतान रोक दिया गया है। लेकिन कोर्ट ने इन दलीलों को खारिज करते हुए कहा कि पुलिस की रिपोर्ट में कोई ठोस प्रमाण नहीं है, और बिल का भुगतान ब्याज सहित किया जाए।
सिक्योरिटी मनी भी लौटाने का निर्देश
अदालत ने स्पष्ट रूप से कहा कि यदि कंपनी की सिक्योरिटी मनी जब्त की गई है तो उसे भी लौटाया जाए। ज्ञात हो कि परीक्षा 3 जुलाई 2022 को रांची, बोकारो और पूर्वी सिंहभूम जिले में आयोजित हुई थी, जिसे 25 जुलाई को रद्द कर दिया गया था।