झारखंड: “मैं SSP बोल रहा हूूं! तुम्हारा बेटा छेड़खानी में पकडा़या है”….सिपाही के मोबाइल पर आया कॉल, फिर लग गया 80000 का चूना, जानें पूरा मामला
Jharkhand: "I am the SSP! Your son has been caught molesting a woman." A policeman received a call on his mobile phone, and was duped of Rs 80,000. Learn the full story.

Jharkhand News: “ सुनो! मैं एसएसपी बोल रहा हूं, तुम्हारा बेटा छेड़खानी में फंस गया है, क्या करना है…सेटलमेंट करोगे कि जेल भेज दें…” एक फोन कॉल ने ऐसा दहशत फैलाया कि सिपाही के खाते से 80 हजार रुपये पार हो गये। मामला झारखंड के मधुपुर (देवघर) का है। जहां एसबीआई मेन ब्रांच में पदस्थापित एक होमगार्ड से साइबर अपराधियों ने उसके बेटे को छेड़खानी के फर्जी मामले में गिरफ्तार बताकर 80 हजार रुपये ठग लिए।
पीड़ित ने पुलिस और साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई है। मधुपुर में एसबीआई मेन ब्रांच में तैनात होमगार्ड विनोद कुमार ठाकुर साइबर अपराधियों के शिकार हो गए, जिन्होंने उनके बेटे के खिलाफ झूठा केस गढ़कर उनसे 80 हजार रुपये ऐंठ लिए।पीड़ित द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, उनके मोबाइल पर एक अज्ञात नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को कोलकाता का एसएसपी बताया।
अधिकारी का नाम सुनते ही होमगार्ड घबरा गए। कॉलर ने कहा कि उनका बेटा कोलकाता में एक लड़की से छेड़खानी के आरोप में पकड़ा गया है और उसे जेल भेजा जा रहा है।कॉलर ने भावनात्मक दबाव बनाने के लिए होमगार्ड को फोन पर किसी युवक के रोने की आवाज भी सुनाई, जिसे उन्होंने अपना बेटा समझ लिया। घबराए पिता से कहा गया कि यदि वह अपने बेटे को जेल जाने से बचाना चाहते हैं तो तुरंत एक लाख रुपये जमा करें।
घबराहट में तीन जगह जमा किए 80 हजार रुपये
भयभीत पिता ने बिना सत्यापन किए जल्दबाजी में अलग-अलग माध्यमों से पैसे जमा कर दिए—
• 30,000 रुपये — एसबीआई मेन ब्रांच
• 30,000 रुपये — पीबीबी ब्रांच
• 20,000 रुपये — सीएसपी के माध्यम से
इस तरह पीड़ित द्वारा साइबर ठग के बताए खाते में कुल 80,000 रुपये स्थानांतरित कर दिए गए।
बाद में जब उन्होंने अपने बेटे को फोन किया तो बेटे ने बताया कि ऐसी कोई घटना हुई ही नहीं। तब जाकर होमगार्ड को समझ आया कि वे साइबर जालसाजों के शिकार हो गए हैं।
शिकायत दर्ज, पुलिस ने शुरू की जांच
पीड़ित ने तुरंत मधुपुर थाना और जिला साइबर थाना में आवेदन देकर मामले की जानकारी दी तथा कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज कर जांच शुरू कर दी है तथा दिए गए बैंक खाते और मोबाइल नंबर के आधार पर ठगों का पता लगाने की कोशिश की जा रही है।
पुलिस ने दी चेतावनी, कहा– पहले करें सत्यापन
पुलिस ने कहा कि यह साइबर ठगी का नया तरीका है जिसमें अपराधी रिश्तेदारों पर फर्जी आरोप लगाकर भावनात्मक दबाव और डर का फायदा उठाते हैं।
पुलिस की अपील:
✅ किसी भी अज्ञात कॉल पर विश्वास न करें
✅ खुद को अधिकारी बताने वाले व्यक्ति की पहचान की पुष्टि करें
✅ बिना सत्यापन कोई भुगतान न करें
✅ तुरंत साइबर हेल्पलाइन 1930 पर शिकायत दर्ज कराएं









