झारखंड: IAS विनय चौबे की मुश्किलें अभी और बढ़ेगी, एसीबी ने मांगी रिमांड, परिवार के लोगों की संपत्ति की जांच शुरू
Jharkhand: IAS Vinay Chaubey's troubles will increase further, ACB sought remand, investigation of family members' property begins

रांची। शराब घोटाले में नामजद IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे के खिलाफ जांच का शिकंजा और कसता जा रहा है। एसीबी ने अब इस मामले में उनकी और उनके परिजनों की अचल संपत्तियों की गहन जांच शुरू कर दी है। ACB ने कोर्ट से 7 दिनों की रिमांड की मांगी है। रिमांड पर लिए जाने के बाद अब चौबे से पूछताछ की जाएगी।
इससे पहले 20 मई को रांची ACB ने IAS अधिकारी विनय कुमार चौबे और तत्कालीन संयुक्त उत्पाद आयुक्त गजेंद्र सिंह को गिरफ्तार किया था। इसके बाद विजिलेंस कोर्ट में पेशी के दौरान पूछताछ के लिए रिमांड की मांग की गई थी। कोर्ट ने ACB की याचिका पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा है।
ACB की जांच में यह सामने आया है कि शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ की नई उत्पाद नीति (2022) के नाम पर अवैध ढंग से सिंडिकेट को ठेके दिए गए थे। इस नीति को छत्तीसगढ़ मॉडल के आधार पर तैयार किया गया था, जिसमें थोक शराब की बिक्री पर कुछ खास सिंडिकेट का एकाधिकार हो गया था। इसके बदले में अधिकारियों को मोटी कमीशन मिलती थी। यही नहीं, देसी और विदेशी शराब के वितरण का भी यह सिंडिकेट ही संचालन करता था, जिससे राज्य सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ।
संपत्तियों की जांच तेज:
मंगलवार को इस मामले के अनुसंधान पदाधिकारी ने रांची के सभी डिप्टी रजिस्ट्रार को पत्र लिखकर अचल संपत्तियों की जानकारी मांगी है। ACB ने IAS विनय कुमार चौबे सहित आठ लोगों के नाम चिन्हित किए हैं, जिनकी संपत्ति का रिकॉर्ड तलब किया गया है। इनमें चौबे की पत्नी डॉ. मोना चौबे, साले क्षिपिज त्रिवेदी और उनकी पत्नी, नेक्सजेन कंपनी के संचालक विनय कुमार सिंह और उनकी पत्नी, चार्टर्ड अकाउंटेंट धनंजय कुमार और उपेंद्र शर्मा के नाम शामिल हैं।
ACB को मिले अहम सबूत:
ACB को अब तक की जांच में चौबे के खिलाफ कई अहम साक्ष्य मिले हैं। एसीबी का दावा है कि इन साक्ष्यों के आधार पर उन्हें और मजबूत कानूनी कार्रवाई की जरूरत है, जिसके लिए रिमांड पर पूछताछ अनिवार्य है।
अब तक की कार्रवाई:
अब तक इस मामले में कुल पांच लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है। भ्रष्टाचार के इस संगीन मामले में कई और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है। सूत्रों के अनुसार, जल्द ही और भी सरकारी अधिकारियों और निजी कंपनियों पर शिकंजा कसा जा सकता है।