झारखंड- इंस्पेक्टर शहीद : नक्सल हमले घायल इंस्पेक्टर शहीद, हवलदार व जवान के बाद अब इंस्पेक्टर ने भी तोड़ा दम, सारंडा के जंगल में नक्सलियों ने …
Jharkhand- Inspector martyred: Naxal attack injured inspector martyred, after havildar and soldier, now the inspector also died, Naxalites attacked in Saranda forest...

Naxal News: झारखंड नक्सली हमले में घायल इंस्पेक्टर शहीद हो गये हैं। इलाज के दौरान इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा शहीद हो गये। दरअसल सीआरपीएफ इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा सारंडा के घने जंगलों में नक्सलियों के आईईडी विस्फोट में गंभीर रूप से घायल हो गये थे। दिल्ली स्थित एम्स में गुरुवार को अंतिम सांस ली।
आपको बता दें कि 10 अक्टूबर को हुए इस हमले में एक अन्य जवान, हवलदार महेंद्र लस्कर पहले ही शहीद हो चुके हैं। मिश्रा बिहार के समस्तीपुर जिले के रहने वाले थे।वह 60वीं बटालियन में तैनात थे और नक्सल विरोधी अभियान के तहत सर्च ऑपरेशन में शामिल थे।जानकारी के अनुसार, 10 अक्टूबर की सुबह सीआरपीएफ और झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम जराईकेला थाना क्षेत्र के समठा-बाबूडेरा जंगलों में सर्च ऑपरेशन चला रही थी।
उसी दौरान नक्सलियों ने घात लगाकर टीम पर आईईडी ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना जबरदस्त था कि घटनास्थल पर अफरा-तफरी मच गई। इस हमले में तीन जवान गंभीर रूप से घायल हुए — इंस्पेक्टर कौशल कुमार मिश्रा, सब-इंस्पेक्टर रामकृष्ण गागराई, और हवलदार महेंद्र लस्कर।
हमले के तुरंत बाद सभी घायलों को हेलिकॉप्टर से रांची लाया गया, जहां से हालत गंभीर होने पर इंस्पेक्टर मिश्रा को दिल्ली एम्स एयरलिफ्ट किया गया। वहीं, हवलदार महेंद्र लस्कर ने 11 अक्टूबर को इलाज के दौरान शहादत दी थी। इंस्पेक्टर मिश्रा का इलाज एम्स में लगभग तीन सप्ताह तक चला, लेकिन उनकी हालत में सुधार नहीं हो सका। गुरुवार सुबह उन्होंने अंतिम सांस ली।
इंस्पेक्टर मिश्रा बिहार के समस्तीपुर जिले के रहीमपुर गांव के निवासी थे। उनके परिवार में पत्नी, दो बच्चे और वृद्ध माता-पिता हैं। एम्स प्रशासन ने औपचारिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उनका पार्थिव शरीर विमान से दरभंगा एयरपोर्ट भेजा। वहां से सड़क मार्ग द्वारा समस्तीपुर ले जाया जाएगा, जहां पूरे राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा।
उधर, इस हमले में घायल सब-इंस्पेक्टर रामकृष्ण गागराई, जो खरसावां के झामुमो विधायक दशरथ गागराई के भाई हैं, अभी भी एम्स में भर्ती हैं और उनका इलाज जारी है। डॉक्टरों के अनुसार, उनकी स्थिति स्थिर है लेकिन पूरी तरह स्वस्थ होने में समय लगेगा।
इस घटना के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने सारंडा क्षेत्र में तलाशी अभियान और तेज कर दिया है। नक्सलियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर ऑपरेशन की तैयारी चल रही है। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह हमला नक्सलियों द्वारा ‘प्रतिरोध सप्ताह’ के दौरान किया गया था, जिसका उद्देश्य सुरक्षा बलों में भय पैदा करना था।









