झारखंड: स्वास्थ्यकर्मियों पर कड़ी नजर, अब तीन बार दर्ज कराना होगा अटेंडेंस, Video Call पर चेक की जायेगी स्वास्थ्यकर्मियों की हाजिरी, आज से लागू होगा नया नियम
Jharkhand: Health workers under strict surveillance; attendance will now have to be recorded three times; health workers' attendance will be checked via video call; the new rule will come into effect today.

धनबाद। स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुधारने और चिकित्सकों की कार्यशैली में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से जिला प्रशासन ने नई निगरानी प्रणाली लागू करने की तैयारी पूरी कर ली है। उपायुक्त आदित्य रंजन के निर्देश पर एक नवंबर से जिले के सभी सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में बायोमीट्रिक उपस्थिति, वीडियो कॉल जांच और परफॉर्मेंस रिपोर्टिंग सिस्टम लागू होगी।
स्वास्थ्य केंद्रों में लगेगा बायोमीट्रिक सिस्टम
उपायुक्त आदित्य रंजन ने स्पष्ट निर्देश दिए कि सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (CHC), अर्बन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (UCHC), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC), अर्बन प्राथमिकी स्वास्थ्य केंद्र (UPHC) और आरोग्य आयुष्मान मंदिरों में अब बायोमीट्रिक उपस्थिति सिस्टम अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा।
कुल 186 स्वास्थ्य केंद्रों में यह तकनीकी प्रणाली लगाई जा रही है।इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि चिकित्सक और स्वास्थ्यकर्मी समय पर ड्यूटी पर उपस्थित रहें ताकि मरीजों को इलाज में कोई देरी न हो।
वीडियो कॉलिंग से होगी रियल-टाइम निगरानी
उपायुक्त ने वीडियो कॉल सेल का गठन पहले ही कर लिया है। इस सेल के अधिकारी रैंडम आधार पर किसी भी स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण वीडियो कॉल के माध्यम से करेंगे। अधिकारी मौके पर चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों की उपस्थिति की रियल-टाइम जांच करेंगे। यदि कोई कर्मचारी अनुपस्थित पाया जाता है या लापरवाही करता है, तो उसके खिलाफ तत्काल अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
सदर अस्पताल में दिन में तीन बार दर्ज करनी होगी उपस्थिति
धनबाद सदर अस्पताल में चिकित्सकों के लिए नई व्यवस्था के तहत अब दिन में तीन बार बायोमीट्रिक उपस्थिति दर्ज कराना अनिवार्य होगा — सुबह 9 बजे, दोपहर 1 बजे और शाम 5 बजे। उपायुक्त ने कहा कि यह नियम इसलिए बनाया गया है ताकि चिकित्सक पूरे दिन अस्पताल में मौजूद रहें और मरीजों की सेवा में कोई बाधा न आए।अगर कोई चिकित्सक निर्धारित समय पर उपस्थिति दर्ज नहीं करता है, तो उसका वेतन रोका जाएगा।
प्रदर्शन के आधार पर तय होगा वेतन
अब चिकित्सकों का वेतन सिर्फ उपस्थिति पर नहीं, बल्कि कार्य प्रदर्शन (Performance Report) पर भी निर्भर करेगा। सभी चिकित्सकों को हर माह अपनी कार्य रिपोर्ट सिविल सर्जन के माध्यम से उपायुक्त को सौंपनी होगी।
इस रिपोर्ट में बताया जाएगा कि महीने भर में कितने मरीजों को ओपीडी में देखा, कितने इंडोर मरीजों का इलाज किया, कितने ऑपरेशन किए और अन्य स्वास्थ्य गतिविधियों में कितनी भागीदारी रही। उपायुक्त स्वयं इन रिपोर्टों की समीक्षा करेंगे। जिनका प्रदर्शन असंतोषजनक होगा, उनके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
“उद्देश्य दबाव नहीं, बेहतर सेवा” — उपायुक्त
उपायुक्त आदित्य रंजन ने कहा कि इस पूरी व्यवस्था का उद्देश्य किसी पर दबाव बनाना नहीं, बल्कि जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं दिलाना है।उन्होंने स्वीकार किया कि जिले के कई ग्रामीण स्वास्थ्य केंद्रों से चिकित्सकों की अनुपस्थिति की शिकायतें मिल रही थीं। अब बायोमीट्रिक और वीडियो कॉल निगरानी व्यवस्था से इन शिकायतों पर अंकुश लगेगा।
उन्होंने कहा —“धनबाद के लोगों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधा देना प्रशासन की प्राथमिकता है। अब हर चिकित्सक की जवाबदेही तय होगी।”इस सख्त और तकनीक आधारित निगरानी प्रणाली से उम्मीद है कि धनबाद जिले में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की विश्वसनीयता और दक्षता दोनों में सुधार देखने को मिलेगा।









