झारखंड: …अब निशाने पर प्रिंस खान, गैंगस्टर मयंक सिंह के प्रत्यर्पण के बाद झारखंड ATS प्रिंस खान को है प्रिंस की तलाश, दुबई में सुरक्षित ठिकाने में….

Jharkhand: ...Now Prince Khan is on target, after the extradition of gangster Mayank Singh, Jharkhand ATS is looking for Prince Khan, in a safe hideout in Dubai....

रांची। … गैंगस्टर मयंक सिंह के बाद अब रांची पुलिस की टारगेट में प्रिंस खान है। अजरबैजान से सफल प्रत्यार्पण के बाद झारखंड पुलिस अब प्रिंस खान को टारगेट बनाये हुए है। जानकारी आयी है कि वो भी विदेश में ही कहीं छुपा है। लिहाजा एटीएस की नजर कुख्यात अपराधी और गैंग्स ऑफ वासेपुर से जुड़े प्रिंस खान की तलाश में जुट गयी है।

 

दुबई में शरण लेकर बैठे प्रिंस खान पर पहले से ही रेड कॉर्नर नोटिस जारी हो चुका है और उसके खिलाफ कार्रवाई तेज हो गई है। आपको बता दें कि प्रिंस खान पिछले कई सालों से दुबई में रहकर अपने गैंग को संचालित कर रहा है। झारखंड पुलिस और सीबीआई की जांच में यह खुलासा हुआ है कि वह ऐशो-आराम की जिंदगी जीते हुए धनबाद और आसपास के क्षेत्रों में अपने गुर्गों के जरिए आपराधिक गतिविधियों को अंजाम दे रहा है।

 

उसके खिलाफ दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, रंगदारी और गैंगवार जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं। इंटरपोल ने सीबीआई के अनुरोध पर प्रिंस खान के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी किया था। इससे पहले एटीएस थाने में दर्ज एक मामले में ब्लू कॉर्नर नोटिस जारी किया गया था।

 

हालांकि नोटिस जारी होने के डेढ़ साल से अधिक समय बीत चुका है और अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। वजह यह है कि नोटिस जारी होने के बाद से उसने कोई हवाई यात्रा नहीं की है। सूत्रों के मुताबिक, प्रिंस खान दुबई और शारजाह में छिपकर रह रहा है और वहीं से अपने गैंग को निर्देश दे रहा है।

 

झारखंड पुलिस की पहल पर प्रिंस खान के नाम से बना पासपोर्ट रद्द कर दिया गया है। उसके मो. हैदर खान के नाम से बने पासपोर्ट की वैधता समाप्त कर दी गई, जिसके बाद वह दुबई में ही फंसा हुआ है। पुलिस का मानना है कि जैसे ही वह किसी अन्य देश में जाने की कोशिश करेगा, वह गिरफ्तार हो सकता है और भारत लाया जा सकता है।

मोस्ट वांटेड की लिस्ट में नाम

धनबाद जिले में दर्ज कई मामलों के आधार पर प्रिंस खान झारखंड पुलिस के लिए मोस्ट वांटेड अपराधियों की सूची में शामिल है। डीजीपी अनुराग गुप्ता ने स्पष्ट कहा है कि मयंक सिंह का प्रत्यार्पण उन अपराधियों के लिए चेतावनी है, जो विदेश में छिपकर अपराध की दुनिया चला रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर मयंक को अजरबैजान से पकड़कर भारत लाया जा सकता है तो प्रिंस खान को भी किसी देश से पकड़ा जा सकता है।

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