झारखंड: छात्रों को स्टाइपेंड नहीं, नाराज मंत्री ने बीच बैठक में ही लिया एक्शन, तीन अफसरों को दो टूक, जवाब दें, नहीं तो होगी छुट्टी
Jharkhand: Students are denied stipends, an angry minister takes action mid-meeting, bluntly telling three officers to respond or face dismissal.

रांची। छात्रों को स्टाइपेंड नहीं मिलने से नाराज मंत्री ने कड़ा एक्शन लिया है। कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने प्री-मैट्रिक और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरण में हो रही देरी पर कड़ी नाराजगी जताते हुए बोकारो, चतरा और गिरिडीह जिलों के कल्याण पदाधिकारियों को कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया है। मंत्री ने चेतावनी दी कि किसी भी परिस्थिति में छात्रों को छात्रवृत्ति मिलने में विलंब नहीं होना चाहिए।
कल्याण मंत्री चमरा लिंडा ने छात्रवृत्ति वितरण की समीक्षा बैठक में अधिकारियों पर सख्त नाराजगी जताते हुए कहा कि छात्रवृत्ति में विलंब किसी भी हाल में स्वीकार नहीं किया जाएगा। समीक्षा के दौरान सामने आया कि बोकारो, चतरा और गिरिडीह जिलों में छात्रवृत्ति भुगतान की गति अत्यंत धीमी है, जिससे लाखों छात्र प्रभावित हो रहे हैं।
तीन जिलों के अधिकारी जिम्मेदार—मंत्री ने मांगा जवाब
दरअसल बैठक में पता चला कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में प्री-मैट्रिक (कक्षा 1-8), प्री-मैट्रिक (कक्षा 9-10) और पोस्ट-मैट्रिक छात्रवृत्ति वितरण का कार्य इन जिलों में लगभग ठप-सा पड़ा है। इस पर नाराजगी व्यक्त करते हुए मंत्री लिंडा ने बोकारो, चतरा और गिरिडीह के जिला कल्याण पदाधिकारियों को तुरंत कारण बताओ नोटिस जारी करने का निर्देश दिया।
उन्होंने कहा कि यह छात्रों के भविष्य से जुड़ा मामला है और लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं की जाएगी। समय पर छात्रवृत्ति न मिलने से आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के छात्र सबसे अधिक प्रभावित होते हैं, इसलिए विभाग को त्वरित गति से कार्य करना आवश्यक है।
“शैक्षणिक सत्र समाप्त होने से पहले पूरी करें कार्रवाई”
मंत्री चमरा लिंडा ने निर्देश दिया कि वर्तमान शैक्षणिक सत्र समाप्त होने से पहले सभी आवश्यक भुगतान प्रक्रिया अनिवार्य रूप से पूरी की जाए। उन्होंने जिलों के उपायुक्तों को भी आदेश जारी किया कि वे जिला स्तरीय समिति की बैठक समय पर आयोजित करें और लंबित छात्रवृत्ति आवेदन स्वीकृत कर शीघ्र भुगतान सुनिश्चित करें।
छात्र संगठनों का आरोप—7 लाख से अधिक छात्रों को अब भी इंतजार
पिछले दिनों आजसू छात्र संघ ने छात्रवृत्ति वितरण में देरी को लेकर ‘शिक्षा के लिए भिक्षा जनाक्रोश मार्च’ निकाला था। उनका आरोप है कि राज्य में लगभग 11.34 लाख छात्रों को छात्रवृत्ति मिलनी थी, लेकिन अब तक केवल 7.45 लाख छात्रों को आंशिक भुगतान हुआ है। लाखों विद्यार्थी अभी भी छात्रवृत्ति पाने की प्रतीक्षा में हैं।
छात्र संगठन का दावा है कि अब तक 7,45,557 छात्रों को 1202.89 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है, लेकिन यह राशि सिर्फ पुराने सत्र का आंशिक भुगतान है। संगठन के अनुसार इस सत्र में 3.5 लाख से अधिक छात्रों को एक भी किस्त नहीं मिली है, जिससे उनके सामने आर्थिक और शैक्षणिक संकट खड़ा हो गया है।छात्र संगठनों ने सरकार पर यह भी आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने लगभग 900 करोड़ रुपये का भुगतान लंबित रखा है, जिसके कारण राज्य सरकार भी पूर्ण भुगतान करने में असमर्थ है।









