झारखंड शिक्षक वेतन : शिक्षकों का कब बढ़ेगा वेतन ? हाईकोर्ट के फैसले के बाद वेतन विसंगति दूर करने सरकार ने नहीं उठाया कदम, अब शिक्षक संघ ने रखी ये मांग…
Jharkhand Teacher Salary: When will teachers' salaries increase? Following the High Court's decision, the government has taken no action to address the salary discrepancy. Now, the teachers' union has made this demand...

Jharkhand Teacher News : झारखंड में सहायक शिक्षकों ने छठे वेतनमान से जुड़ी वेतन विसंगति को दूर करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है। शिक्षक संघ ने राज्य सरकार से झारखंड उच्च न्यायालय के हालिया आदेश को तत्काल लागू करने की मांग की है। शिक्षकों का कहना है कि हाईकोर्ट ने उनके पक्ष में फैसला सुनाया है, लेकिन सरकार ने अब तक इस दिशा में पहल नहीं की है।
शिक्षकों का कहना है कि यह आदेश उनके लिए न्याय की बड़ी जीत है, लेकिन जब तक इसे धरातल पर लागू नहीं किया जाता, तब तक समस्या का वास्तविक समाधान नहीं होगा। उच्च न्यायालय ने 27 नवंबर को सुधीर कुमार सिंह एवं अन्य बनाम राज्य सरकार मामले में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले में एक जनवरी 2006 से पूर्व नियुक्त प्राथमिक शिक्षकों के छठे वेतनमान के तहत आरंभिक वेतन निर्धारण में हुई विसंगति को स्पष्ट रूप से स्वीकार करते हुए उसका निराकरण किया गया है।
दरअसल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि ऐसे सभी शिक्षकों का वेतन फिटमेंट टेबल S-12 के अनुसार निर्धारित किया जाए। उच्च न्यायालय के आदेश के अनुसार, जनवरी 2006 से पहले नियुक्त शिक्षकों को छठे वेतनमान के तहत 16,290 रुपये का आरंभिक वेतन स्वीकृत किया जाना चाहिए। अदालत ने यह भी माना कि गलत फिटमेंट के कारण शिक्षकों को वर्षों से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है, जिससे उनमें असंतोष और मानसिक तनाव बढ़ा है।
प्राथमिक शिक्षक संगठनों का कहना है कि छठे वेतनमान लागू होने के बाद से ही वेतन निर्धारण को लेकर भ्रम और असमानता बनी हुई थी। समान योग्यता और समान तिथि से नियुक्त शिक्षकों को अलग-अलग वेतन मिलना न्यायसंगत नहीं था। कई बार सरकार और शिक्षा विभाग का ध्यान इस ओर आकर्षित किया गया, लेकिन ठोस समाधान नहीं निकल सका। अंततः शिक्षकों को न्यायालय की शरण लेनी पड़ी।
शिक्षकों का मानना है कि उच्च न्यायालय के इस आदेश से राज्य के हजारों प्राथमिक शिक्षकों की वेतन विसंगति की समस्या का समाधान संभव है। इससे न केवल उनका वर्तमान वेतन सही होगा, बल्कि एरियर के रूप में वर्षों से रुकी हुई राशि मिलने का रास्ता भी साफ होगा। इससे शिक्षकों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और उनका मनोबल भी बढ़ेगा।
शिक्षक संगठनों ने राज्य सरकार से अपील की है कि वह अदालत के आदेश का सम्मान करते हुए बिना किसी देरी के इसे लागू करे। उनका कहना है कि यदि आदेश के क्रियान्वयन में अनावश्यक विलंब किया गया, तो शिक्षकों को फिर से आंदोलन या कानूनी कदम उठाने के लिए मजबूर होना पड़ सकता है।









