शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर जारी, 60 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में बढ़ी मुश्किलें, जानिये क्या है पूरा मामला
Lookout circular issued against Shilpa Shetty and Raj Kundra, troubles increased in 60 crore fraud case, know what is the whole matter

Shilpa Shetty And Raj Kundra | बॉलीवुड अभिनेत्री शिल्पा शेट्टी और उनके पति व्यवसायी राज कुंद्रा की मुश्किलें बढ़ गयी है। मुंबई पुलिस ने दोनों के खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (LOC) जारी किया है। पूरा मामला एक व्यवसायी से कथित तौर पर 60 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी से जुड़ा हुआ है। सूत्रों के मुताबिक, यह आरोप बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के माध्यम से धन उगाही से संबंधित है।
60 करोड़ निवेश घोटाले का आरोप
इस मामले में व्यवसायी दीपक कोठारी का कहना है कि शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा ने अपने बिजनेस को बढ़ाने के नाम पर उनसे 60 करोड़ रुपये लिए थे। शुरू में इसे एक लोन के रूप में दिखाया गया, लेकिन बाद में टैक्स बचाने के लिए इसे इन्वेस्टमेंट बताया गया। इस दौरान कोठारी से वादा किया गया था कि इस राशि पर उन्हें 12 प्रतिशत सालाना ब्याज भी दिया जाएगा।
शिल्पा शेट्टी की गारंटी और इस्तीफा
वहीं दीपक कोठारी का दावा है कि शिल्पा शेट्टी ने खुद लिखित रूप में इस लेनदेन की गारंटी दी थी। हालांकि, बाद में शिल्पा ने कंपनी के निदेशक पद से इस्तीफा दे दिया। कोठारी का कहना है कि उन्हें बहुत बाद में पता चला कि बेस्ट डील टीवी प्राइवेट लिमिटेड पहले से ही 1.28 करोड़ रुपये के दिवालियापन मामले में उलझी हुई थी।
व्यक्तिगत खर्चों में रकम उड़ाने का आरोप
कोठारी का आरोप है कि शिल्पा और राज ने उनकी दी हुई रकम को बिजनेस में लगाने की बजाय अपने व्यक्तिगत खर्चों में इस्तेमाल कर डाला। इससे न केवल उन्हें आर्थिक नुकसान हुआ, बल्कि उनकी साख पर भी आंच आई।
शिल्पा और राज का खंडन
इन गंभीर आरोपों पर शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा की ओर से आधिकारिक प्रतिक्रिया भी सामने आई है। उन्होंने सभी आरोपों को निराधार और बदनाम करने की साजिश बताया है। उनका कहना है कि उनके खिलाफ दायर की गई शिकायत केवल उनकी छवि को धूमिल करने के मकसद से की गई है।
आर्थिक अपराध शाखा की जांच
इधर, मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। शिल्पा शेट्टी और राज कुंद्रा के विदेश यात्राओं के रिकॉर्ड खंगाले जा रहे हैं। इसके अलावा कंपनी के ऑडिटर को भी पूछताछ के लिए बुलाया गया है ताकि फंड के वास्तविक इस्तेमाल का पता लगाया जा सके।