मैथिली ठाकुर ने जीत के साथ ही बना दिया नया रिकार्ड, 11 हजार से मिली जीत के बाद बोली, नेता नहीं बेटी बनकर सेवा करूंगी
Maithili Thakur broke a new record with her victory, saying after winning by 11,000 votes, "I will serve as a daughter, not a leader."

Maithli Thakur Win : बीजेपी प्रत्याशी और मशहूर लोकगायिका मैथिली ठाकुर ने अलीनगर विधानसभा सीट पर बड़ी जीत दर्ज की है। मैथिली ने आरजेडी उम्मीदवार बिनोद मिश्रा को 11,730 वोटों से हराया। यह उनका पहला विधानसभा चुनाव था, जिसे उन्होंने अपनी लोकप्रियता और जनसमर्थन के बल पर ऐतिहासिक जीत में बदल दिया।
कड़ी टक्कर के बीच आखिरकार मैथिली ठाकुर ने 84915 वोट हासिल कर शानदार जीत दर्ज की। वहीं उनके मुख्य प्रतिद्वंदी और आरजेडी उम्मीदवार बिनोद मिश्रा को 73185 वोट मिले और वे 11,730 वोटों के अंतर से हार गए। हालांकि चुनाव आयोग की ओर से आधिकारिक घोषणा अभी बाकी है, लेकिन 25 राउंड की गिनती पूरी होने के बाद परिणाम स्पष्ट हो चुका है। अलीनगर विधानसभा सीट पर कुल 25 राउंड में वोटों की गणना की गई और प्रत्येक राउंड में मैथिली ठाकुर ने लगातार बढ़त बनाए रखी।
प्रशांत किशोर की पार्टी का प्रदर्शन बेहद खराब
अलीनगर सीट पर तीसरे प्रमुख दावेदार प्रशांत किशोर (पीके) की जनसुराज पार्टी के उम्मीदवार बिप्लव कुमार चौधरी रहे। लेकिन वे इस मुकाबले में टिक ही नहीं सके और मात्र 2275 वोट ही जुटा पाए।मैथिली ठाकुर की लोकप्रियता और आरजेडी–बीजेपी के बीच सीधी लड़ाई के कारण जनसुराज का वोट शेयर बेहद कम रहा।
मैथिली ठाकुर की पहली प्रतिक्रिया—“लोगों की बेटी बनकर करूंगी सेवा”
वोटिंग के शुरुआती दौर में ही बढ़त मिलने के बाद मैथिली ठाकुर की पहली प्रतिक्रिया सामने आई थी। उन्होंने कहा—“यह मेरे लिए किसी सपने से कम नहीं है। लोगों ने जो भरोसा दिया है, मैं उसे कभी टूटने नहीं दूंगी। विधायक के रूप में यह मेरा पहला कार्यकाल होगा और मैं अपने क्षेत्र की सेवा पूरी ईमानदारी से करूंगी। मैं अलीनगर की बेटी हूं और अपने लोगों के लिए हर संभव कार्य करूंगी।”
मैथिली के इस भावुक संदेश ने सोशल मीडिया पर भी खूब सुर्खियां बटोरीं।
अलीनगर में लोकप्रियता बनाम अनुभव की लड़ाई
अलीनगर सीट पर इस बार लड़ाई बेहद दिलचस्प थी। यहाँ एक तरफ थे आरजेडी के अनुभवी नेता बिनोद मिश्रा, जिन्हें इलाके में मजबूत राजनीतिक पकड़ वाला माना जाता है।दूसरी ओर थीं लोकगायिका मैथिली ठाकुर, जिन्हें युवाओं और महिलाओं के बीच भारी लोकप्रियता हासिल है। बीजेपी ने इसी लोकप्रियता को हथियार बनाकर बिनोद मिश्रा के किले को भेदने की रणनीति अपनाई थी—जो कि काफी हद तक सफल साबित हुई।
मैथिली ठाकुर का चुनाव प्रचार भी चर्चा का विषय रहा। उनके रोड शो, जनसम्पर्क अभियान और गीत-संगीत के साथ जुड़ी उनकी पहचान ने लोगों के बीच भावनात्मक जुड़ाव पैदा किया। सोशल मीडिया पर भी उन्होंने बड़ी सक्रियता दिखाई, जिसका लाभ उन्हें मतदान में मिला।









