झारखंड: परीक्षा फार्म में PAN नंबर ने बढ़ायी मुश्किलें, कई छात्र-छात्राओं के परीक्षा से वंचित रह जाने का खतरा

Jharkhand: PAN number in exam form increases difficulties, many students risk missing out on exam

JAC News : जैक ने मैट्रिक और इंटर 2026 परीक्षा फॉर्म के लिए पैन नंबर को जरूरी बना दिया है। अब इस नये आदेश ने कई छात्रों के लिए मुश्किलें बढ़ा दी है। कई छात्रों के फॉर्म रुकने की आशंका जताई जा रही है। दस्तावेज़ों में त्रुटियों और ग्रामीण इलाकों की समस्याओं के कारण छात्रों और स्कूलों में भारी तनाव है।

 

दरअसल झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) द्वारा वर्ष 2026 की मैट्रिक और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए आवेदन प्रक्रिया में पैन नंबर (Permanent Education Number) को अनिवार्य किए जाने के बाद राज्यभर के विद्यालयों, इंटर कॉलेजों और छात्रों में हड़कंप मचा हुआ है। यह निर्णय राज्य सरकार के निर्देश पर लागू किया गया है, जिसके तहत अब पैन नंबर अनिवार्य है, जबकि आधार आधारित अपार आईडी अब केवल वैकल्पिक हो गई है।

 

शैक्षणिक संस्थानों से मिल रही जानकारी के अनुसार, लगभग 20 से 30 प्रतिशत छात्र-छात्राओं के दस्तावेज अपूर्ण हैं, जिनके कारण उनका पैन नंबर बनने में दिक्कत आ रही है और फॉर्म भरने की समय-सीमा नजदीक आते ही छात्रों की चिंता बढ़ती जा रही है।

 

पैन नंबर न बनने के मुख्य कारण

• आधार कार्ड और स्कूल प्रमाणपत्रों में नाम, जन्मतिथि या पिता के नाम में अंतर

• आधार का अपडेट लंबित होना

• जन्म प्रमाणपत्र एवं आधार कार्ड के विवरण में मेल न होना

• पैन बन जाने के बाद भी संस्थागत ‘ड्रॉप-बॉक्स’ में नाम प्रदर्शित न होना

• ग्रामीण क्षेत्रों में दस्तावेज़ों की उपलब्धता में कठिनाई

 

इन समस्याओं के चलते बड़ी संख्या में छात्र दिसंबर 5 की अंतिम तिथि तक फॉर्म भर पाने की स्थिति में नहीं हैं। स्कूलों और कॉलेजों में लगातार अभिभावकों की भीड़ लगी है। शिक्षक और प्राचार्य दिनभर छात्रों के दस्तावेज ठीक कराने और पैन आवेदन में सहायता कर रहे हैं, लेकिन आधार सुधार और जन्म प्रमाणपत्र अपडेट जैसे कार्य समय-साध्य होने के कारण समस्याएँ बढ़ती जा रही हैं।

कई छात्रों ने बताया कि वे 9वीं से नियमित रूप से पढ़ाई कर रहे हैं और परीक्षा के लिए तैयारी भी पूरी कर चुके हैं, लेकिन दस्तावेज़ों की गड़बड़ियों के कारण अब वे आशंकित हैं कि कहीं फॉर्म समय पर न भरा गया तो उनका पूरा वर्ष खराब न हो जाए।

 

शैक्षणिक संस्थाओं ने सरकार और जैक से विनती की है कि पैन नंबर अनिवार्यता पर पुनर्विचार किया जाए या छात्रों को अतिरिक्त समय दिया जाए, ताकि कोई भी छात्र परीक्षा से वंचित न हो। फिलहाल जैक की ओर से इस विषय पर कोई नई अधिसूचना जारी नहीं की गई है, जिस कारण विद्यार्थी, शिक्षक और अभिभावक लगातार दबाव और अनिश्चितता में हैं।

ashrita

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