SP को 10 साल की जेल: सिपाही की किडनैपिंग और इनकाउंटर मामले में कोर्ट ने सुनायी सजा, 10 साल जेल व 50000 जुर्माना, 32 साल पुराने केस में आया ये बड़ा फैसला

SP gets 10 years jail: Court pronounced the sentence in the kidnapping and encounter case of the constable, 10 years jail and 50000 fine, this big decision came in a 32 year old case

Court News: किडनैपिंग और मुठभेड़ के एक केस में एसपी को 10 साल कैद की सजा सुनायी गयी है। 10 साल की जेल के साथ 50000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। वहीं मामले में आरोपी बनाये गये, तीन लोगों को बरी कर दिया गया है। मामला मोहाली का है, जहां की विशेष सीबीआई अदालत ने दो सिपाहियों गुरमुख सिंह व सुखविंदर सिंह के फर्जी मुठभेड़ से जुड़े 1993 के एक पुराने मामले में महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए तत्कालीन इंस्पेक्टर एवं सेवानिवृत्त एसपी परमजीत सिंह विर्क को उन दोनों के अपहरण के लिए दोषी करार दिया है।

 

हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद भी पीड़ित परिवार नाखुश हैं। परिजनों का कहना है कि उन्हें पूरा न्याय नहीं मिला है। तीन आरोपितों के बरी होने पर असंतोष व्यक्त करते हुए उन्होंने अपनी कानूनी लड़ाई जारी रखने तथा हाईकोर्ट जाने की बात कही। मृतक सिपाही सुखविंदर सिंह के भतीजे अमृतपाल सिंह ने बताया कि सुखविंदर सिंह उनके ताया लगते थे, जो तब अमृतसर के सदर थाने में तैनात थे।

 

उन दिनों उनकी तबियत ठीक नहीं थी इसलिए वह घर पर थे। तभी कुछ पुलिस कर्मचारी दो गाड़ियों में आए और कहा कि ‘साहब ने बुलाया है’। इस बहाने से पुलिस कर्मी उन्हें अपने साथ ले गए। उसके बाद सुखविंदर कभी वापस घर नहीं लौटे।अमृतपाल ने आरोप लगाया कि उनके ताया का एनकाउंटर कर दिया गया और परिवार को लाश तक नहीं दी गई।

 

सुखविंदर सिंह की शीघ्र ही शादी होने वाली थी। सिपाही गुरमुख सिंह के पुत्र चरणजीत सिंह ने भी अदालत के निर्णय पर असंतोष प्रकट किया है। उन्होंने कहा कि दोषियों को हत्या के मामले में सजा मिलनी चाहिए थी।उन्होंने बताया कि पुलिस में उनकी नौकरी लग चुकी थी और नाम मेरिट सूची में आ गया था, लेकिन पिता पर झूठे आरोपों के कारण मुझे नौकरी नहीं मिली। उन्होंने कहा कि इन लोगों ने मेरे पिता को मारा और मेरा करियर भी बर्बाद कर दिया।

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