झारखंड शिक्षक भर्ती : हाईकोर्ट के फैसले से किन शिक्षक अभ्यर्थियों को मिलेगा फायदा, 2034 अभ्यर्थियों को लेकर कमीशन किन बिंदुओं पर करेगा पड़ताल, जानिये सिलसिलेवार जानकारी

Jharkhand Teacher Recruitment: Which teacher candidates will benefit from the High Court's decision, on which points will the commission investigate regarding 2034 candidates, know the detailed information

रांची। झारखंड हाईकोर्ट के फैसले ने अभ्यर्थियों की उम्मीद तो बढ़ाई है, लेकिन इसका लाभ किन अभ्यर्थियों को कितना मिलेगा, इसके बारे में विस्तार से जानना जरूरी है। दरअसल ने हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति विवाद से जुड़े W.P.(S) No.582/2023 मीना कुमार बनाम राज्य सरकार और इससे जुड़ी 257 याचिकाओं पर ऐतिहासिक फैसला सुनाया है। झारखंड हाईकोर्ट ने हाई स्कूल शिक्षक नियुक्ति विवाद में रिटायर्ड जस्टिस डॉ. एस.एन. पाठक की अध्यक्षता में एक वन मैन कमीशन गठित किया है।

 

यह कमीशन तीन माह में रिपोर्ट सौंपेगा। कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि रिक्त पड़े 2034 पदों को योग्य रिट पिटिशनरों से भरा जाएगा। जस्टिस दीपक रोशन की अदालत ने इस मामले में अनियमितताओं की जांच के लिए रिटायर्ड जस्टिस डॉ. एस.एन. पाठक की अध्यक्षता में वन मैन कमीशन गठित किया है। कमीशन को तीन माह में अपनी जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने का आदेश दिया गया है।

 

हाईकोर्ट के आदेश के मुख्य बिंदु

1. 2034 पद रिक्तियों का भरना:

सुप्रीम कोर्ट के 2 अगस्त 2022 के आदेश के आलोक में कोर्ट ने कहा है कि 2034 पद योग्य रिट पिटिशनरों से भरे जाएंगे। अभ्यर्थियों को जेएसएससी सचिव के पास अपना प्रतिवेदन जमा करना होगा।

2. सरकार का जवाब असंतोषजनक:

कोर्ट ने पाया कि 23 फरवरी 2024 तक सरकार केवल 8,171 पद भर पाई, जबकि विज्ञापन में कुल 17,786 पद घोषित हुए थे। इस पर सरकार कोई ठोस जवाब देने में असफल रही।

3. वन मैन कमीशन की सिफारिश मान्य होगी:

कमीशन की जांच और सिफारिश के आधार पर ही शेष रिक्त पदों को रिट पिटिशनरों से भरा जाएगा। साथ ही, दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की भी अनुशंसा होगी।

4. फैक्ट-फाइंडिंग काउंटर की स्थापना:

कोर्ट ने जेएसएससी और जेपीएससी को विशेष फैक्ट-फाइंडिंग काउंटर स्थापित करने का निर्देश दिया, ताकि अभ्यर्थियों को सीधे सूचना मिल सके और बार-बार कोर्ट का दरवाजा खटखटाना न पड़े।

 

अभ्यर्थियों को क्या फायदा होगा?

इस आदेश से सबसे बड़ा लाभ उन अभ्यर्थियों को मिलेगा, जिनके आवेदन और अंक विवादित मेरिट लिस्ट के चलते बाहर हो गए थे। अब:

• 2034 पदों पर सीधी नियुक्ति की संभावना: योग्य रिट पिटिशनर अभ्यर्थियों को इन रिक्त पदों पर प्राथमिकता मिलेगी।

• पारदर्शिता बढ़ेगी: वन मैन कमीशन की जांच से मेरिट लिस्ट में हुई कथित गड़बड़ियों की सच्चाई सामने आएगी।

• समयबद्ध समाधान: कोर्ट ने तीन माह की समय सीमा तय कर दी है, जिससे अभ्यर्थियों को लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा।

• अनावश्यक मुकदमों से राहत: फैक्ट-फाइंडिंग काउंटर से अभ्यर्थी सीधे जानकारी प्राप्त कर सकेंगे और उन्हें बार-बार याचिका दायर नहीं करनी होगी।

 

अभ्यर्थियों का पक्ष

सुनवाई के दौरान वरिष्ठ अधिवक्ता अजीत कुमार और शेखर प्रसाद गुप्ता ने तर्क दिया कि मेरिट लिस्ट में सुप्रीम कोर्ट के आदेश की अनदेखी हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने सोनी कुमारी केस में 425 अभ्यर्थियों की नियुक्ति का आदेश दिया था, लेकिन सरकार ने सही अनुपालन नहीं किया। वहीं, सरकार की ओर से प्रस्तुत शपथ पत्र में पदों की संख्या को लेकर विरोधाभास भी सामने आया।जेएसएससी की ओर से महाधिवक्ता राजीव रंजन समेत अन्य अधिवक्ताओं ने कहा कि नियुक्ति राज्य स्तरीय मेरिट लिस्ट के आधार पर ही हुई है। उनका तर्क था कि याचिकाकर्ताओं का प्राप्तांक अंतिम चयनित अभ्यर्थी से कम था, इसलिए उन्हें नियुक्ति नहीं दी जा सकी।

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