झारखंड: क्या सूर्या हांसदा इनकाउंटर की होगी CBI जांच? पत्नी और मां पहुंची हाईकोर्ट, याचिका में मुठभेड़ को बताया, राजनीतिक साजिश

Jharkhand: Will Surya Hansda encounter be investigated by CBI? His wife and mother approached the High Court, in the petition they called the encounter a political conspiracy

रांची। सूर्या हांसदा एनकाउंटर मामले ने नया मोड़ ले लिया है। गोड्डा जिले में 11 अगस्त को हुए सूर्या हांसदा के एनकाउंटर मामले में पत्नी सुशीला मुर्मू और मां नीलमुनि मुर्मू ने इस मुठभेड़ को फर्जी करार देते हुए झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की है। उन्होंने अदालत से पूरे मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की है।

 

याचिका में राज्य के मुख्य सचिव, गृह सचिव, डीजीपी, गोड्डा और देवघर के एसपी समेत अन्य अधिकारियों को प्रतिवादी बनाया गया है। परिजनों का आरोप है कि सूर्या की हत्या एक सुनियोजित राजनीतिक साजिश का हिस्सा है।

 

गिरफ्तारी से एनकाउंटर तक

याचिका में कहा गया है कि सूर्या हांसदा की गिरफ्तारी 10 अगस्त को देवघर जिले के मोहनपुर थाना क्षेत्र के नावाडीह गांव से हुई थी। अगले दिन 11 अगस्त को पुलिस उसे हथियार बरामदगी के नाम पर बोआरीजोर थाना क्षेत्र के ललमटिया धमनी पहाड़ लेकर गई। यहीं पुलिस ने मुठभेड़ का हवाला देते हुए सूर्या को गोली मार दी। पुलिस का दावा है कि मुठभेड़ के दौरान सूर्या ने हथियार छीनकर भागने की कोशिश की, जिसके चलते एनकाउंटर हुआ।

 

वहीं, परिवार का कहना है कि सूर्या पहले से पुलिस की गिरफ्त में था और उसे सुनियोजित तरीके से मार गिराया गया। सुशीला और नीलमुनि का आरोप है कि इसे मुठभेड़ का रूप देकर राजनीतिक हत्या को छिपाने का प्रयास किया गया है।

 

राजनीतिक पृष्ठभूमि

सूर्या हांसदा का झारखंड की राजनीति में लंबा सफर रहा है। उन्होंने बोरियो विधानसभा क्षेत्र से चार बार चुनाव लड़ा। 2009 और 2014 में वे झारखंड विकास मोर्चा (जेवीएम) से चुनाव मैदान में उतरे। 2019 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने उन्हें टिकट दिया, जिसमें वे दूसरे स्थान पर रहे। वर्ष 2024 में भाजपा से टिकट नहीं मिलने पर उन्होंने इस्तीफा देकर झारखंड लिबरेशन कांफ्रेंस (जेएलकेएम) से चुनाव लड़ा।

 

याचिका में कहा गया है कि सूर्या की राजनीतिक सक्रियता और उनके विभिन्न दलों से संबंध ही उनकी हत्या की वजह बने। परिजनों का मानना है कि यह घटना केवल कानून-व्यवस्था का मामला नहीं, बल्कि राजनीतिक बदले की कार्रवाई है।

 

आपराधिक मामलों का जिक्र

सूर्या हांसदा के खिलाफ साहिबगंज के मिर्जा चौकी थाना और गोड्डा के ललमटिया थाना में आपराधिक मामले दर्ज थे। हालांकि, परिजनों का कहना है कि यह सभी मामले राजनीतिक दबाव के कारण दर्ज किए गए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि इन मामलों का सहारा लेकर पुलिस ने उनके बेटे को समाप्त करने की साजिश रची।

 

 

सुशीला और नीलमुनि ने हाईकोर्ट से आग्रह किया है कि इस मामले की स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच केवल सीबीआई के जरिए ही संभव है। उनका कहना है कि राज्य की पुलिस पर भरोसा करना कठिन है, क्योंकि वरिष्ठ अधिकारी भी इस पूरे मामले में शामिल रहे हैं।हाईकोर्ट में इस याचिका की सुनवाई जल्द शुरू होने की संभावना है। मामले ने राज्य की राजनीति और पुलिस कार्यप्रणाली पर भी कई सवाल खड़े कर दिए हैं। फिलहाल सभी की निगाहें अदालत के अगले कदम पर टिकी हुई हैं।

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