ब्रेकिंग: पायलट को हो गया था मौत का अहसास, उड़ान के कुछ ही सेकंड बाद भेजा ‘MAYDAY’ कॉल, लेकिन फिर 90 सेकंड बाद ही… जानिये क्या होता है ‘MAYDAY’ कॉल?

Plane Crash Update। गुजरात की राजधानी अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI-171 गुरुवार को टेकऑफ के तुरंत बाद भयानक विमान हादसे का शिकार हो गई। बोइंग 787 ड्रीमलाइनर जैसे ही दोपहर 1:39 बजे रनवे-23 से उड़ा, कुछ सेकंड के भीतर ही पायलट ने “Mayday” कॉल दी—यह एक गंभीर आपात स्थिति का संकेत था।
विमान में 230 यात्री और 12 क्रू मेंबर्स, जिनमें दो पायलट और 10 केबिन क्रू शामिल थे, सवार थे। बताया जा रहा है कि यह हादसा एयरपोर्ट के बाहर मेघानीनगर क्षेत्र में हुआ, जो एक घना रिहायशी इलाका है। हादसे के कुछ पल बाद ही आसमान में काले धुएं का गुबार और आग की लपटें देखी गईं।
कौन थे मुख्य पायलट
पायलट सुमित साभरवाल, जिनके पास 8200 घंटे की उड़ान का अनुभव था, और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर, जिन्होंने अब तक 1100 घंटे की उड़ान भर रखी थी, विमान उड़ा रहे थे। टेकऑफ के चंद सेकंड बाद पायलट ने एटीसी को “Mayday, Mayday, Mayday” संदेश भेजा, लेकिन उसके तुरंत बाद विमान से कोई संपर्क नहीं हो सका और वह दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
क्या होती है Mayday कॉल?
‘Mayday’ एक इमरजेंसी कॉल होती है जो पायलट उस समय देता है जब विमान या उसमें सवार लोगों की जान को तत्काल खतरा हो। यह कॉल एटीसी और नजदीकी विमानों को चेतावनी देती है कि तत्काल मदद की ज़रूरत है। “Mayday” शब्द फ्रेंच के “m’aider” से लिया गया है, जिसका अर्थ है “मेरी मदद करो”।
यदि खतरा थोड़ा कम हो तो पायलट “Pan-Pan” कॉल करता है, लेकिन AI-171 के मामले में पायलट ने सीधे Mayday सिग्नल दिया, जो इस बात का संकेत है कि हालात बेहद नाजुक थे।DGCA (नागरिक उड्डयन महानिदेशालय) ने हादसे के बाद जांच शुरू कर दी है और कहा है कि हादसे की पूरी रिपोर्ट जल्द सार्वजनिक की जाएगी। घटना के बाद दमकल की सात गाड़ियां, एम्बुलेंस और एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं, और राहत व बचाव कार्य जारी है।
MAYDAY कॉल जब विमान गंभीर संकट में हो, जैसे इंजन फेल होने, विमान में आग लगने या हवा में टकराव का खतरा। यह कॉल पायलट द्वारा “Mayday, Mayday, Mayday” के रूप में तीन बार भेजी जाती है ताकि यह स्पष्ट हो सके कि यह एक गंभीर संकट है। इस कॉल के बाद, एयर ट्रैफिक कंट्रोल तुरंत विमान को प्राथमिकता देते हुए उसे राहत देने के लिए सभी संसाधन जुटाता है।विमान के पायलट कैप्टन सुमित साभरवाल के पास 8200 घंटे का उड़ान अनुभव था, जबकि उनके सहपायलट फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर का अनुभव 1100 फ्लाइट आवर का था। दोनों अनुभवी पायलट थे, लेकिन दुर्भाग्यवश विमान की इमरजेंसी स्थिति के बाद भी इसे सुरक्षित लैंडिंग नहीं मिल पाई।
विमान में कौन-कौन थे?
सूत्रों के मुताबिक, इस फ्लाइट में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी सवार थे, जो निजी यात्रा पर लंदन जा रहे थे। हादसे के बाद पूरे देश की निगाहें राहत कार्य पर टिकी हुई हैं।यह दुर्घटना एक बार फिर से भारत में विमानन सुरक्षा और आपातकालीन व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर रही है।अधिकृत अपडेट का इंतजार जारी है और देश इस भयावह हादसे में सवार सभी यात्रियों की सलामती की दुआ कर रहा है।