आपकी मृत्यु के बाद बैंक में जमा राशि किसे मिलेगी? ये जानना आपके लिए है बेहद जरूरी, जान ले नवंबर से बदल जाएंगे नियम, अन्यथा….

Bank Rules: जीवन भर की गाढ़ी कमाई हर व्यक्ति बैंक में रखता है जहां वो अपने जमा पूंजी को सुरक्षित समझता है। इसमें लॉकर में रखे सोने चांदी से लेकर आवश्यक कागजात, जमा राशि सभी शामिल होते है।परन्तु ये बात चिंता करने वाली होती है कि मेरी मौत के बाद बैंक में रखे मेरी जमापूंजी का क्या होगा? बैंक इन सबको लेकर अपने कई नियमों में बदलाव किए हैं फिलहाल अगला बदलाव 1 नवंबर से लागू कर रही है। जिसको जानना आपके लिए बेहद जरूरी है।
बैंक में नवंबर से बदल जाएंगे नियम
बैंक खाते में अब एक की जगह चार नॉमिनी जोड़े जा सकेंगे। ग्राहक यह भी तय कर पाएंगे कि चार नॉमिनी में से किसे कितना हिस्सा मिलेगा और किसे प्राथमिकता दी जाएगी।वित्त मंत्रालय ने 23 अक्टूबर को बताया कि इस बदलाव से बैंकिंग क्लेम और उत्तराधिकार की प्रोसेस आसान और पारदर्शी बनेगी।
नया नियम 1 नवंबर 2025 से लागू हो जाएगा। नॉमिनेशन जोड़ने, बदलने या रद्द करने के लिए फॉर्म और प्रोसेस की गाइडलाइन जल्द जारी की जाएगी।
क्या होता है नॉमिनी
नॉमिनी का मतलब वह व्यक्ति है, जिनका नाम बैंक खाते, निवेश या बीमा में उत्तराधिकारी के तौर पर जुड़ा होता है और संबंधित व्यक्ति के अचानक निधन पर वह निवेश राशि क्लेम करने का हकदार होता है।
मृत्यु के बाद नॉमिनी पैसों को क्लेम करेगा, लेकिन राशि नॉमिनी को तभी मिलेगी, जब उसमें कोई विवाद न हो। अगर मरने वाले के उत्तराधिकारी हैं, तो वे अपने हक के लिए उस राशि के लिए दावा कर सकते हैं। ऐसे में उसे राशि या प्रॉपर्टी के हिस्से सभी कानूनी वारिसों में बराबर बंटेंगे।
बदलाव से आम आदमी को क्या होगा फायदा?
अब अकाउंट होल्डर अपनी जमा राशि को समान रूप से बांट सकते हैं- जैसे पत्नी, बेटे, बेटी, माता को 25-25% हिस्सा।पहले सिर्फ एक नाम देने की मजबूरी थी, जिससे परिवार में विवाद की संभावना ज्यादा थी।
चार नाम और स्पष्ट हिस्सेदारी होने से पारिवारिक झगड़े या कोर्ट केस कम होंगे।बैंक के पास अगर पहले से चारों नॉमिनी दर्ज हैं, तो कोई लीगल पेचीदगी नहीं होगी।बैंक सीधे रिकॉर्ड देखकर रकम या लॉकर की वस्तु नॉमिनी को ट्रांसफर कर सकता है।
इससे परिवार वालों का समय, पैसा और मानसिक तनाव तीनों बचेंगे।अब लॉकर में भी सीक्वेंशियल नॉमिनी (1 के बाद 2 के बाद 3) की व्यवस्था होगी।यानी, अगर पहला नॉमिनी न रहे तो दूसरा अपने आप हकदार बन जाएगा।बैंकिंग व्यवस्था में भी पारदर्शिता और विश्वास बढ़ेगा।
नया सिस्टम कैसे काम करेगा
ग्राहक अपने खाते में एक, दो, तीन या चार नामिनी जोड़ सकते हैं।हर नामिनी का हिस्सा (share) तय किया जा सकेगा।नॉमिनी को कभी भी बदला या रद्द किया जा सकेगा।
ग्राहक चाहें तो सक्सेसिव नॉमिनी भी रख सकते हैं -इसका मतलब है कि पहले नंबर का नॉमिनी न रहे तो दूसरे की दावेदारी होगी। इसी क्रम में तीसरे और चौथे नॉमिनी दावेदारी कर सकेंगे।









