ये गाना बजाया, तो जाना होगा जेल: चुनाव को लेकर पुलिस प्रशासन की कड़ी चेतावनी, इन गानों पर रहेगा बैन, सोशल मीडिया अकाउंट पर…
Playing this song will land you in jail: Police administration issues stern warning regarding elections, these songs will be banned on social media accounts...

Election News। विधानसभा चुनाव को लेकर आचार सांहिता लागू है। इस दौरान कई तरह के प्रतिबंध लागू हैं। इधर चुनाव आयोग ने चुनाव के मद्देनजर कई अहम निर्देश जारी किये हैं। चुनाव आयोग ने भड़काऊ, जातिवादी और द्विअर्थी गीतों के प्रसारण व सोशल मीडिया पर प्रसार के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है। ऐसे किसी भी व्यक्ति या समूह पर कार्रवाई की जाएगी जो इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों — जैसे फेसबुक, यूट्यूब, एक्स (ट्विटर), इंस्टाग्राम आदि — पर इस तरह की सामग्री पोस्ट या साझा करता है।
प्रशासन ने साफ कहा है कि चुनावी माहौल में सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने वाले गीतों और वीडियोज को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।डीजीपी विनय कुमार ने स्पष्ट रूप से चेतावनी दी है कि इस तरह की गतिविधियों को आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन और शांति भंग करने की साजिश माना जाएगा। उन्होंने कहा कि “भड़काऊ और जातिवादी गीत पोस्ट करने वालों को चिन्हित किया जा रहा है, और दोषी पाए जाने पर उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी।” अब तक आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने ऐसे 10 मामलों में एफआईआर दर्ज कर चुकी है।
ईओयू की साइबर सेल की चौकस निगरानी
ईओयू की साइबर सेल लगातार इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्मों की निगरानी कर रही है। इसके लिए एक विशेष टीम गठित की गई है, जिसका नेतृत्व डीआईजी मानवजीत सिंह ढिल्लों कर रहे हैं। अब तक इस सेल ने 53 स्टेशन डायरी प्रविष्टियां, 10 एफआईआर, और 16 से अधिक आपत्तिजनक सामग्री हटवाई हैं। इसके अलावा, 135 प्रोफाइल्स और हैंडल्स को चिह्नित कर निगरानी में रखा गया है — जिनमें 28 यूट्यूब चैनल, 77 इंटरनेट प्रोफाइल और 40 सोशल मीडिया हैंडल शामिल हैं। बार-बार आपत्तिजनक पोस्ट करने वाले खातों को वॉचलिस्ट में रखा गया है ताकि दोबारा उल्लंघन करने पर तुरंत ब्लॉक करने की कार्रवाई की जा सके।
चुनाव आयोग के निर्देश और AI सामग्री पर नियंत्रण
भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने भी राजनीतिक दलों और प्रत्याशियों को AI-जनित सामग्री (AI-generated content) के जिम्मेदार और नैतिक उपयोग की सलाह दी है। आयोग ने साफ किया है कि सोशल मीडिया या डिजिटल प्लेटफॉर्म पर प्रसारित किसी भी प्रकार की भ्रामक या उकसाऊ सामग्री को आचार संहिता का उल्लंघन माना जाएगा।
भड़काऊ पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई
बिहार पुलिस ने कहा है कि किसी भी सोशल मीडिया ग्रुप, चैनल या प्रोफाइल के एडमिन या सक्रिय सदस्य को बख्शा नहीं जाएगा, यदि वे भड़काऊ या जातिवादी गाने, वीडियो या संदेश शेयर करते हैं। ऐसे लोगों पर आईटी अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत मुकदमे दर्ज किए जाएंगे और जेल भेजा जाएगा।
ऐसे करें शिकायत
आर्थिक अपराध इकाई ने जनता से अपील की है कि वे इंटरनेट मीडिया का जिम्मेदारीपूर्वक उपयोग करें और किसी भी भड़काऊ या अफवाह फैलाने वाले पोस्ट की सूचना तुरंत साझा करें।
शिकायत के लिए संपर्क: मोबाइल नंबर: 9031829067, ईमेल: cybercell-bih@nic.in









