झारखंड में बिजली बिल में होने वाली है बंपर बढोत्तरी, जानिये कितनी बढ़ने वाली है बिजली दर, घरेलू बिजली दर को 10 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव…
There is going to be a huge increase in electricity bills in Jharkhand, know how much the electricity rates are going to increase, proposal to increase domestic electricity rates by Rs 10 per unit...

रांची। झारखंड में बिजली बिल में बंपर बढोत्तरी की तैयारी चल रही है। सरकार ने अगर प्रस्ताव पर मुहर लगा दी, तो बिजली बिल में तगड़ी बढोत्तरी होगी। जानकारी के मुताबिक झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (JBVNL) ने वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बिजली दरों में औसतन 60% तक की भारी वृद्धि का प्रस्ताव ऊर्जा नियामक आयोग के समक्ष रखा है।
जानकारी के मुताबिक घरेलू श्रेणी में दरें 6.70–6.85 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 10 रुपये से अधिक करने की मांग की गई है, जबकि कृषि सिंचाई के शुल्क में भी लगभग दोगुनी वृद्धि का सुझाव दिया गया है। बताया जा रहा है कि प्रस्ताव फिलहाल सुनवाई के लिए स्वीकार कर लिया गया है। वित्तीय वर्ष 2026-27 के लिए बिजली दरों में बड़ी बढ़ोतरी का प्रस्ताव झारखंड राज्य विद्युत नियामक आयोग (जेएसईआरसी) के समक्ष जमा कर दिया है।
इस याचिका में औसतन 60 प्रतिशत तक टैरिफ बढ़ाने की मांग की गई है, जिससे घरेलू, वाणिज्यिक, औद्योगिक और कृषि—सभी श्रेणी के उपभोक्ताओं पर सीधा असर पड़ेगा।नए प्रस्ताव के अनुसार घरेलू उपभोक्ताओं के लिए बिजली दरें 6.70 रुपये और 6.85 रुपये प्रति यूनिट से बढ़ाकर 10.20 रुपये और 10.30 रुपये प्रति यूनिट करने की सिफारिश की गई है।
फिक्स्ड चार्ज भी 75–100 रुपये से बढ़ाकर 125–150 रुपये प्रतिमाह करने का सुझाव दिया गया है। ग्रामीण और शहरी दोनों उपभोक्ताओं की जेब पर इसका बड़ा असर पड़ने वाला है।औद्योगिक और वाणिज्यिक उपभोक्ताओं पर भी भारी बोझ डाला गया है। एलटीआईएस के लिए दर 6.10 रुपये प्रति KVAH से बढ़ाकर 9.10 रुपये प्रति KVAH और एचटीआईएस के लिए 5.90 रुपये प्रति KVAH से बढ़ाकर 9.25 रुपये प्रति KVAH करने का प्रस्ताव है। फिक्स्ड चार्ज भी अधिकांश श्रेणियों में 150–400 रुपये से बढ़ाकर 200–500 रुपये प्रतिमाह करने की मांग की गई है।
सबसे अधिक प्रभावित होने वाली श्रेणियों में कृषि सिंचाई शामिल है। मौजूदा 5.30 रुपये प्रति यूनिट की दर को बढ़ाकर 9 से 10 रुपये प्रति यूनिट करने का प्रस्ताव दिया गया है। हालांकि फिक्स्ड चार्ज 50 रुपये प्रति एचपी प्रति माह ही रखा गया है, लेकिन यूनिट दरों में तेज बढ़ोतरी से किसानों की लागत में बड़ा इजाफा होगा।
एमडी के अभाव में याचिका दाखिल—एक असामान्य कदम
जेबीवीएनएल पिछले दो महीनों से प्रबंध निदेशक के बिना काम कर रहा है। ऐसे में एमडी की औपचारिक स्वीकृति के बिना टैरिफ याचिका दाखिल करना एक असामान्य और सवाल खड़े करने वाला कदम माना जा रहा है। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि नए एमडी की नियुक्ति के बाद संशोधित विस्तृत प्रस्ताव जमा किया जाएगा और उस पर एमडी की आधिकारिक मुहर लगाई जाएगी।
बढ़ोतरी का आधार—बिजली क्रय लागत और नेटवर्क सुधार
निगम ने इस बड़े टैरिफ संशोधन के पीछे कई कारण गिनाए हैं, जिनमें बढ़ती बिजली खरीद लागत, पुराने पावर खरीद समझौतों की देनदारियाँ, वितरण हानि, तथा ट्रांसमिशन और वितरण नेटवर्क को मजबूत करने के लिए आवश्यक पूंजीगत निवेश शामिल हैं। निगम का कहना है कि मौजूदा दरों के साथ लागत की भरपाई संभव नहीं है।
अन्य कंपनियों ने भी दिए प्रस्ताव
केवल जेबीवीएनएल ही नहीं, बल्कि टाटा स्टील पावर कंपनी, जुस्को, झारखंड ऊर्जा संचरण निगम लिमिटेड, आधुनिक पावर और इनलैंड पावर ने भी अपनी टैरिफ याचिकाएँ दाखिल की हैं। इन कंपनियों ने 10 से 30 प्रतिशत तक बढ़ोतरी का प्रस्ताव रखा है। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों के लिए वर्तमान दरें दिन में 8.30 रुपये और रात में 12.46 रुपये प्रति यूनिट हैं।
फैसले पर सबकी निगाहें
जेएसईआरसी ने याचिका स्वीकार कर ली है और आने वाले दिनों में सभी पक्षों की सुनवाई की जाएगी। इतनी भारी बढ़ोतरी को मंजूरी मिलना आसान नहीं होगा, क्योंकि राज्य सरकार पिछले वर्षों से सब्सिडी के जरिए बिजली दरों को नियंत्रित रखने का दावा करती रही है। यदि प्रस्तावित दरें लागू होती हैं, तो झारखंड में बिजली बिल में बड़ा उछाल आएगा और इसका सीधा असर आम उपभोक्ता, किसानों और उद्योगों पर पड़ेगा।









