झारखंड: “नौकरी नहीं तो मौत दे दो” बर्खास्त कर्मचारियों ने दे दी सामूहित आत्महत्या की चेतावनी, बोले, समायोजन को लेकर सरकार की चुप्पी, मौत चुनने को बेबस कर रही…

Jharkhand: "If not job, give me death" Dismissed employees gave the warning of mass suicide, said, the government's silence on adjustment is forcing us to choose death...

Jharkhand News : बर्खास्त किए गए 251 अनुसेवक अब अपनी जान देने पर उतारू हो गये हैं। बर्खास्त कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि वो सामूहिक आत्मदाह कर लेंगे। दरअसल नौकरी से निकाले गये अनुसेवकों की तरफ से लगातार नौकरी पर वापस रखने की मांग की जा रही है, लेकिन उनके समायोजन को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है।

 

उम्मीद टूटती देख अब अनुसेवकों ने अब आत्मदाह की चेतावनी दे दी है। आपको याद होगा सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद पलामू में 251 अनुसेवकों को चार महीने पहले बर्खास्त कर दिया गया था। उनकी नौकरी में नियमों की अवहेलना का हवाला दिया गया था। नौकरी से बर्खास्तगी के बाद से ही कर्मचारी लगातार अपनी आवाज बुलंद कर रहे हैं।

 

हालांकि पलामू में इसी बीच जून महीने में पलामू में 585 पदों पर अनुसेवकों की बहाली के लिए विज्ञापन जारी किया गया है। नये सिरे से विज्ञापन जारी होने के बाद अनुसेवकों ने अपना आंदोलन तेज कर दिया था। अनुसेवक उग्र आंदोलन पर उतर आए हैं और आत्मदाह की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि एक साथ सभी 251 अनुसेवक आत्मदाह करेंगे।

 

क्यों किया गया था बर्खास्त

दरअसल साल 2010 में पलामू में अनुसेवकों के पद पर बहाली के लिए विज्ञापन निकाला गया था। 2017 में विज्ञापन के आधार पर परीक्षा ली गई थी और 2018 में अनुसेवकों को नौकरी दी गई थी। अनुसेवकों की नौकरी का मामला सुप्रीम कोर्ट तक गया था। सुप्रीम कोर्ट ने 2010 के विज्ञापन को ही अवैध करार दे दिया था, जिसके बाद सभी अनुसेवकों को बर्खास्त कर दिया गया।

 

अनुसेवकों का कहना है कि उनकी सेवा समायोजित की जाए. विज्ञापन में गलती थी, परीक्षा देकर नौकरी मिली थी। सालों तक नौकरी करने के बाद अचानक से उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया गया । अब कई अनुसेवक अपनी उम्र को पार कर चुके हैं। पढ़ाई सालों पहले छोड़ चुके हैं। ऐसे में उन्हें दोबारा से नौकरी मिल पाना संभव नहीं है। अनुसेवकों ने सरकार ने मानवीय आधार पर समायोजन की मांग की है।

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