झारखंड- दो और IAS पर कसा शिकंजा: करोड़ों के घोटाले में ACB ने भेजा नोटिस, कई बड़े राज उगलवाने की है तैयारी…
Jharkhand: Two more IAS officers have been arrested: ACB issues notice in a multi-crore scam, preparing to extract significant secrets...

रांची । शराब घोटाले में एसीबी ने दो पूर्व उत्पाद सचिवों को नोटिस भेजा है, जबकि ग्रामीण विकास विभाग के कमीशनखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने चौथी पूरक चार्जशीट दाखिल की है।राज्य में हुए शराब घोटाले और ग्रामीण विकास विभाग के मनी लॉन्ड्रिंग केस में अब कई पूर्व वरिष्ठ अधिकारी और प्रभावशाली व्यक्ति जांच के दायरे में आ गए हैं।
जानकारी के मुताबिक एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने प्लेसमेंट एजेंसी शराब घोटाले में कार्रवाई तेज करते हुए राज्य के दो पूर्व उत्पाद सचिवों मनोज कुमार और मुकेश कुमार को नोटिस भेजा है। इससे पहले इसी मामले में एसीबी ने पूर्व उत्पाद सचिव विनय चौबे को गिरफ्तार किया था। विनय चौबे के कार्यकाल के दौरान न तो एजेंसियों के एमजीआर (मासिक गारंटी राजस्व) की समीक्षा की गई और न ही गारंटी राशि की वसूली की गई।
इस लापरवाही के कारण सरकार को लगभग 38 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ। आरोप है कि इसके बाद भी जब मनोज कुमार और मुकेश कुमार ने उत्पाद सचिव का कार्यभार संभाला, तब भी उन्होंने संबंधित प्लेसमेंट एजेंसियों से बकाया वसूली की कोई कार्रवाई नहीं की।एसीबी सूत्रों के मुताबिक, इस पूरे घोटाले में कई निजी एजेंसियों को जानबूझकर लाभ पहुंचाया गया।
जांच में यह भी सामने आया है कि कुछ अधिकारियों ने नियमों की अनदेखी कर अनुबंध बढ़ाए और भुगतान की अनुमति दी। फिलहाल एसीबी ने दोनों पूर्व सचिवों से स्पष्टीकरण और दस्तावेजी जवाब मांगा है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।वहीं दूसरी ओर, ग्रामीण विकास विभाग के टेंडर कमीशनखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने चौथी पूरक चार्जशीट दायर की है। इस चार्जशीट में पूर्व मंत्री आलमगीर आलम के पीएस (निजी सचिव) संजीव लाल की पत्नी रीता लाल समेत कुल 22 लोगों को आरोपी बनाया गया है।
ईडी की जांच में यह खुलासा हुआ कि वर्ष 2019 में विभाग के कनिष्ठ अभियंता सुरेश वर्मा को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा गया था। जांच के दौरान उनके ठिकानों से 2.67 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए थे। आगे की छापेमारी में विभिन्न ठिकानों से कुल 37 करोड़ रुपये कैश और कई लग्जरी वाहन भी जब्त किए गए।जांच एजेंसी का कहना है कि यह अवैध धन चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और एंट्री ऑपरेटरों के नेटवर्क के माध्यम से मनी लॉन्ड्रिंग कर महंगी अचल संपत्तियों में निवेश किया गया।









