विभाग ट्रांसफर पोस्टिंग में मस्त…इधर कर्मचारियों को 5 माह से वेतन नहीं

Jharkhand Health news: लोकतंत्र की परिभाषा बहुत ही सुंदर तरीके से संविधान में वर्णित है परन्तु जब लोकतंत्र में जनता की आवाज नहीं सुनी जाए तो गुस्सा भड़कना जायज है। एकतरफ ट्रांसफर पोस्टिंग का खेल स्वास्थ्य विभाग में चल रहा है दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी भुखमरी के कगार पर हैं।उन्हें पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिला है।
क्या है मामला
राज्य भर में स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी को पिछले 5 महीने से वेतन के लाले हैं। मामला राज्य भर में कार्यरत कर्मियों से जुड़ा है।लिहाजा कोई अपने बच्चों की स्कूल फीस नहीं दे पा रहा , तो कोई अपने बूढ़े मां बाप के लिए दवाइयां और देखभाल नहीं कर पा रहा ,तो कोई बैंक से लिए कर्ज की किस्त नहीं चुका पर रहा , तो कोई अपने परिवार के लिए राशन नहीं जुटा पा रहा…. समस्याएं तो कई हैं इस बीच स्वास्थ्य विभाग बड़े पैमाने पर ट्रांसफर पोस्टिंग की तैयारी में जुटा है। विभागीय अधिकारी को कर्मचारियों की समस्या से कोई लेना देना नहीं।
न प्रोन्नति मिलती, MACP के नाम पर खुल कर भ्रष्टाचार
कर्मचारियों ने ये भी आरोप लगाया कि न तो प्रोन्नति मिलती है, न ही कर्मचारियों को प्रोन्नति देने मैं कोई दिलचस्पी दिखाते है, MACP के नाम पर खुल कर राज्य भर में भ्रष्टाचार हो रहा है.. इसके वावजूद स्वास्थ्य निदेशालय कर्मचारियों के हित की अनदेखी कर ट्रांसफर पोस्टिंग में जुटा है जिससे कर्मचारी तनाव में हैं और इसके विरोध में कर्मचारी गोलबंद हो रहे हैं।
क्यों नहीं मिल रहा वेतन
कर्मचारियों के वेतन के लिए सरकार द्वारा अलग अलग शीर्ष/ उप शीर्ष बनाए गए हैं। जिनके वेतन और अन्य मद के लिए वित्तीय वर्ष के प्रारंभ में आवंटन जारी किए जाते हैं। परंतु शीर्ष 2210 इन्फ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस का आवंटन जारी नहीं किया गया। जबकि इसके अंतर्गत कर्मियों की संख्या काफी अधिक है। स्वास्थ्य निदेशालय और सचिवालय एक दूसरे पर जिम्मेवारी थोप रहा है।
राज्य भर में शीर्ष 2210 इन्फ्रास्ट्रक्चर मेंटेनेंस (पूर्व शीर्ष 2211) के अंतर्गत कर्मी और पदाधिकारी कार्यरत हैं। वित्तीय वर्ष 2025- 26 में कर्मचारियों को मिलने वाले वेतन और अन्य मद के लिए आवंटन जारी नहीं किया गया। जबकि प्राप्त जानकारी के अनुसार इस शीर्ष में अधिकतर महिला कर्मी है जिनकी सबसे ज्यादा जिम्मेदारी परिवार चलाने की होती है।
स्वास्थ्य विभाग मौन
प्राप्त जानकारी के अनुसार विभाग की ये शिथिलता हर वर्ष की जाती है। पिछले वित्तीय वर्ष में भी कई महीने बाद कर्मचारियों को वेतन मिल पाया था। इसके बावजूद विभागीय अधिकारी की इस मामले में तत्परता नहीं दिखती यही वजह है कि पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिल पाया है। वेतन नहीं मिलने के पीछे अब तक आवंटन जारी नहीं होना बताया जा रहा।
निदेशालय ट्रांसफर पोस्टिंग में मस्त, इधर वेतन के लाले.. कर्मचारी संगठन नाराज
भुखमरी के कगार पर पहुंचे कर्मियों और संगठन से बात करने पर विभाग पर उनकी नाराजगी साफ दिखी। उनका कहना है कि विभागीय पदाधिकारी अपना वेतन समय से लेते है परन्तु उनकी सुधि लेने वाला कोई नहीं। स्वास्थ्य निदेशालय राज्य भर के कर्मियों के ट्रांसफर पोस्टिंग के नाम पर बड़ा खेल करने की तैयारी में जुटा है और इधर कर्मचारियों को कभी श्रावणी मेला तो कई अन्य जगह ड्यूटी लगाई जा रही है। ऐसे हालत में कर्मचारी संगठन गोलबंद हो रहे हैं और कभी भी इनका गुस्सा भड़क सकता है।
कर्मचारियों का कहना है कि हमारे स्वास्थ्य मंत्री काफी संवेदनशील दिखते हैं उन्हें हम कर्मचारियों के प्रति भी संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।