नेतरहाट में दो दिवसीय आदिवासी परंपराओं पर सांस्कृतिक महोत्सव का होगा आयोजन,देखे डिटेल

लातेहार: स्टारलाइट इंटरनेशनल चैरिटेबल सोसाइटी द्वारा दिनांक 2 जून एवं 3 जून 2025 को नेतरहाट में एक भव्य सांस्कृतिक महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है।
झारखंड स्वैच्छिक सांस्कृतिक संस्थाओं को वित्तीय सहायता अनुदान के अंतर्गत सांस्कृतिक कार्य निदेशालय, पर्यटन, कला संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग द्वारा झारखंड की समृद्ध आदिवासी सांस्कृतिक विरासत को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से “झूमर, छऊ एवं जनजातीय नृत्य को बढ़ावा देने हेतु सांस्कृतिक कार्यक्रम” का आयोजन किया जा रहा है।
कार्यक्रम स्थल एवं समय
स्थान: नेतरहाट आवासीय विद्यालय, सभागार, लातेहार
तिथि: 2 जून 2025 से 3 जून 2025 तक
समय: प्रातः 10:00 बजे से संध्या 4:00 बजे तक
कार्यक्रम की रूपरेखा
➤ 2 जून 2025 (पहला दिन):
मुख्य आकर्षण: पारंपरिक झूमर एवं छऊ नृत्य प्रस्तुतियाँ
उद्घाटन समारोह: माननीय अतिथियों की उपस्थिति में
मुख्य अतिथि: निदेशक, पर्यटन, कला, संस्कृति, खेलकूद एवं युवा कार्य विभाग, झारखंड सरकार
➤ 3 जून 2025 (दूसरा दिन):
मुख्य आकर्षण: विविध जनजातीय नृत्य प्रस्तुतियाँ
विशेष आयोजन: पुरस्कार वितरण एवं समापन समारोह
मुख्य अतिथि: श्री चमरा लिंडा, माननीय मंत्री, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, झारखंड सरकार
विशिष्ट अतिथि:
श्री रामचंद्र सिंह, माननीय विधायक, मनिका
उपायुक्त, लातेहार
पुलिस अधीक्षक, लातेहार
अन्य गणमान्य अतिथि
प्रतियोगिता एवं पुरस्कार विवरण:
प्रथम पुरस्कार: ₹7000/- + स्मृति चिह्न (सिल्ड)
द्वितीय पुरस्कार: ₹3000/- + कप
तृतीय पुरस्कार: ₹2000/- + कप
सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र प्रदान किए जाएंगे।
पंजीकरण विवरण:
तिथि: 10 मई 2025 से 1 जून 2025 तक
शुल्क: निःशुल्क
विधि: ऑनलाइन पंजीकरण (वेबसाइट पर लिंक उपलब्ध)
प्रतिभागियों के आवागमन एवं भोजन की सुविधा आयोजकों द्वारा प्रदान की जाएगी। दर्शकों के लिए भी निःशुल्क प्रवेश रहेगा।
कार्यक्रम का उद्देश्य:
इस महोत्सव का प्रमुख उद्देश्य झारखंड की लोक-परंपराओं एवं जनजातीय विरासत को एक मंच प्रदान करना है, ताकि आदिवासी समाज की सांस्कृतिक पहचान को सशक्त किया जा सके। इसके माध्यम से न केवल पारंपरिक कलाओं का संरक्षण सुनिश्चित किया जाएगा, बल्कि युवा पीढ़ी में सांस्कृतिक चेतना एवं गौरव की भावना भी विकसित की जाएगी।
यह आयोजन राज्य की सांस्कृतिक छवि को राष्ट्रीय पटल पर स्थापित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
सभी कलाप्रेमियों एवं नागरिकों से अनुरोध है कि वे इस आयोजन में सम्मिलित होकर झारखंड की गौरवशाली सांस्कृतिक परंपराओं का उत्सव मनाएं।