झारखंड में सरकारी स्कूल अब प्राइवेट स्कूलों को टक्कर, शिक्षक को सरकार कर रही है ट्रेंड, अब स्कूलों में डिजिटल व स्मार्ट एजुकेशन की तैयारी
Government schools in Jharkhand are now competing with private schools, the government is training teachers, now schools are preparing for digital and smart education

Jharkhand School News : झारखंड में सरकारी स्कूल अब प्राइवेट स्कूलों को टक्कर देंगे। झारखंड सरकार ने झारखंड के स्कूलों को डिजिटल और स्मार्ट शिक्षा से जोड़ने की कवायद शुरू कर दी है। इसे लेकर ट्रेनिंग का दौर भी शुरू हो गया है। 325 आदर्श विद्यालयों और 80 मुख्यमंत्री उत्कृष्ट विद्यालयों को डिजिटल और स्मार्ट शिक्षा के मॉडल के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसके लिए राज्यभर के भाषा समन्वयकों को विशेष सॉफ्टवेयर प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
इस प्रयास का उद्देश्य सरकारी स्कूलों में भी गुणवत्तापूर्ण, तकनीकी और आधुनिक शिक्षा सुनिश्चित करना है।इसी क्रम में झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद (JEPC) द्वारा राजधानी रांची में दो दिवसीय विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया है। इस प्रशिक्षण सत्र में राज्य भर से आए भाषा समन्वयकों (Language Coordinators) को विशेष डिजिटल सॉफ्टवेयर का प्रशिक्षण दिया गया, जो पहले चरण में लगभग 450 स्कूलों में लागू किया गया है।
झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद के अधिकारियों के अनुसार, यह प्रशिक्षण सत्र भविष्य में भी जारी रहेगा, ताकि अधिक से अधिक शिक्षक और स्कूल इस तकनीकी क्रांति से जुड़ सकें। सरकार की मंशा है कि झारखंड का हर बच्चा गुणवत्तापूर्ण, आधुनिक और तकनीकी शिक्षा से लैस हो, चाहे उसकी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
जानकारी के मुताबिक सॉफ्टवेयर के माध्यम से कोऑर्डिनेटर न केवल विद्यार्थियों को डिजिटल उपकरणों का उपयोग सिखाएंगे, बल्कि शिक्षकों को भी तकनीकी शिक्षा के साथ प्रशिक्षित करेंगे। इसका उद्देश्य शिक्षण को अधिक प्रभावी, संवादात्मक और विद्यार्थी-केंद्रित बनाना है।
आपको बता दें कि परियोजना के तहत प्रशिक्षित कोऑर्डिनेटर आधुनिक डिजिटल शिक्षण पद्धतियों में निपुण होंगे और शिक्षकों को कक्षा में इन तकनीकों के उपयोग में मार्गदर्शन देंगे। इस पहल से कक्षा शिक्षण अधिक रोचक और तकनीकी रूप से उन्नत होगा, जिससे छात्र भी तकनीकी शिक्षा से जुड़ेंगे और आत्मविश्वास से भरपूर होंगे।
राज्य सरकार इन 405 स्कूलों को एक मॉडल के रूप में विकसित कर रही है, ताकि वे अन्य सरकारी स्कूलों के लिए उदाहरण बन सकें। इन स्कूलों में प्रोजेक्ट मैनेजर और कोऑर्डिनेटर की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट आधार पर की गई है।
सरकारी स्कूलों की नई पहचान बनने की ओर कदम
राज्य सरकार का मानना है कि यदि सरकारी स्कूलों में डिजिटल संसाधनों का प्रभावी समावेश किया जाए, तो न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थी वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए भी तैयार हो सकेंगे।