झारखंड: कांग्रेस नेता की गोली मारकर हत्या, घर के बाहर मार दी गोली, पुलिस हर एंगल पर जांच में जुटी
Jharkhand: Congress leader shot dead outside his home; police investigating every angle

खूंटी। कांग्रेस नेता की गोली मारकर हत्या कर दी गयी। ये घटना खूंटी जिले के कर्रा थाना क्षेत्र स्थित गुयु गांव की है, जहां आदिवासी कांग्रेस के पूर्व प्रखंड महासचिव सुमित तिग्गा की गोली मारकर हत्या कर दी। इस वारदात के बाद पूरे इलाके में दहशत और आक्रोश का माहौल है। सुमित तिग्गा क्षेत्र में एक सक्रिय राजनीतिक और सामाजिक कार्यकर्ता के रूप में जाने जाते थे, जिससे उनकी हत्या को लेकर कई तरह की आशंकाएं जताई जा रही हैं।
वारदात के वक्त सुमित तिग्गा अपने घर पर मौजूद थे। इसी दौरान उनके दो परिचित दोस्त उन्हें घर से बाहर बुलाकर गांव की ओर ले गए। कुछ समय बाद सुमित अपने साथियों के साथ घर के बाहर अलाव ताप रहे थे। बताया जा रहा है कि रात करीब आठ बजे अज्ञात अपराधी ने पीछे से सुमित तिग्गा पर गोली चला दी।
अचानक हुई फायरिंग से मौके पर अफरा-तफरी मच गई। गोली लगते ही सुमित गंभीर रूप से घायल होकर जमीन पर गिर पड़े, जबकि हमलावर मौके से फरार हो गया। आसपास के ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़े। परिजनों को तत्काल सूचना दी गई, जिसके बाद सुमित तिग्गा को आनन-फानन में इलाज के लिए रांची स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया।
हालांकि अस्पताल पहुंचने पर चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस खबर के बाद गांव में मातम पसर गया और लोगों का गुस्सा भी फूट पड़ा। घटना की सूचना मिलते ही कर्रा थाना की पुलिस मौके पर पहुंची और जांच शुरू की। पुलिस ने घटनास्थल से साक्ष्य जुटाने के साथ-साथ आसपास के लोगों से पूछताछ भी की है।
अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है, लेकिन अब तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। हत्या के पीछे की वजह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो पाई है, लेकिन सुमित तिग्गा की राजनीतिक सक्रियता को देखते हुए मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। हालांकि, इस हत्याकांड के बाद पुलिस की चुप्पी भी सवालों के घेरे में है। मामले को लेकर पुलिस अधिकारी कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं।
एसपी मनीष टोप्पो, एएसपी क्रिस्टोफर केरकेट्टा और सर्किल इंस्पेक्टर अशोक सिंह से मीडियाकर्मियों ने संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन किसी भी अधिकारी ने फोन रिसीव नहीं किया। पुलिस की इस चुप्पी से स्थानीय लोगों और राजनीतिक दलों में नाराजगी देखी जा रही है।









